नई दिल्ली. भारत में कई तरह की नस्ल की भैंस पाई जाती हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज आपको मुर्राह, जाफरावादी, बन्नी नस्ल और नागपुरी नस्ल के बारे में बता चुके हैं. अब हम आपको भारत की और प्रमुख नस्ल है, जिसका नाम नीली रावी नस्ल भैंस है. ये नस्ल पंजाब की घरेलू नस्ल मानी जाती है. यह मुख्य रूप से पाकिस्तान और भारत में अधिक पाई जाती है. नीली रावी नस्ल भैंस का पालन मुर्रा भैंस के बाद सबसे अधिक किया जाता है.
नीली रावी भारत और पाकिस्तन के अलावा बांग्लादेश, चीन, फिलीपींस, श्रीलंका, ब्राज़ील,वेनेजुएला में भी किया जाता है. किसान इस नस्ल की भैंस का पालन मुख्य रूप से डेयरी उद्योग के लिए करते हैं. विशेषज्ञ इस भैंस की खूबी के बारे में बताते हैं कि ये भैंस नीली रावी भैंस एक साल में करीब दो हजार किलोग्राम तक दूध दे सकती है.
नील और रवि नस्ल को बना दिया नीली रावी
नीली-रावी भैंसों का घरेलू क्षेत्र अविभाजित पंजाब प्रांत की सतलुज और रावी नदियों के बीच की बेल्ट में है. बताया जाता है कि पहले नीली और रवि दो अलग-अलग नस्लें थीं, लेकिन समय बीतने के कारण और गहन क्रॉसब्रीडिंग के कारण, दोनों नस्लें नीली-रावी नाम की एक ही नस्ल में परिवर्तित हो गईं.
नीली रावी भैंस को दूध उत्पादन के लिए पालते हैं
नीली-रवी भैंसें करीब पंजाब के सभी जिलों में पाई जाती हैं, जिनमें भारतीय पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर और फिरोजपुर जिलों में और पाकिस्तान पंजाब के लाहौर, शेखूपुरा, फैजाबाद, ओकोरा, साहीवाल, मुल्तान, बोहावलपुर और बहावलनगर जिलों में प्रमुखता है. हालांकि, पाकिस्तान में इस नस्ल की अच्छी डेयरी विशेषताओं के कारण, नीली-रवी भैंसें पूरे पाकिस्तान में पाई जाती हैं. कराची में तो भैंस कॉलोनी भी है, जहां ताजा दूध की आपूर्ति के लिए प्रजनन के लिए बड़ी संख्या में नीली रवि भैंसें खरीदी जाती हैं.
इस भैंस की बनावट कुछ इस तरह से होती है
इस नस्ल का शरीर काला, बिल्ली जैसी आंखें, माथा सफेद, पूंछ का निचला हिस्सा सफेद, घुटनों तक सफेद टांगे, मध्यम आकार की होती है और भारी सींग होते हैं. यह एक ब्यांत में औसतन 1600-1800 लीटर दूध देती है और दूध में वसा की मात्रा 7 प्रतिशत होती है. सांड का औसतन भार 600 किलो और भैंस का औसतन भार 450 किलो होता है. इस नस्ल के सांड़ का उपयोग, भारी सामान खींचने के लिए किया जाता है.
शेड की आवश्यकता
अच्छे प्रदर्शन के लिए, पशुओं को अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों की आवश्यकता होती है. पशुओं को भारी बारिश, तेज धूप, बर्फबारी, ठंड और परजीवी से बचाने के लिए शेड की आवश्यकता होती है. सुनिश्चित करें कि चुने हुए शेड में साफ हवा और पानी की सुविधा होनी चाहिए. पशुओं की संख्या के अनुसान भोजन के लिए जगह बड़ी और खुली होनी चाहिए, ताकि वे आसानी से भोजन खा सकें.
कुछ खास बिंदु
औसत स्तनपान अवधि (दिन) 306 तक होती है.
औसत स्तनपान दूध उपज 1945 किलोग्राम हो सकता है.
अधिकतम दूध उपज 9.4 किलोग्राम हो सकता है.
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