नई दिल्ली. हाल में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025 में वित्त मंत्री सीतारमण ने फिशरीज सेक्टर के लिए भी सरकार के खजाने का मुंह खोला है. उन्होंने फिशरीज सेक्टर के लिए कई घोषणाएं की हैं. जिसमें मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन लेने की सीमा को बढ़ा दिया है. अब मछली किसान दो लाख रुपए ज्यादा उधार इस कार्ड के जरिए ले सकते हैं. जानकार कह रहे हैं कि इससे मछली पालन को बढ़ावा मिलेगा और जब मछली पालन को बढ़ावा मिलेगा तो किसानों को भी इससे फायदा होगा. वहीं उत्पादन ज्यादा होने से एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा.
जानकारी के लिए बता दें कि बजट 2025-26 में विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) और उच्च समुद्र से मत्स्य पालन के सतत दोहन के लिए एक ढांचे को सक्षम करने पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर विशेष ध्यान दिया गया है. चूंकि भारत में 20 लाख वर्ग किलोमीटर का ईईजेड और 8,118 किलोमीटर लंबी तटरेखा है, जिसकी अनुमानित समुद्री क्षमता 53 लाख टन (2018) है और 50 लाख लोग अपनी आजीविका के लिए समुद्री मत्स्य पालन क्षेत्र पर निर्भर हैं.
पांच लाख रुपए मिलेगा लोन
केंद्रीय बजट 2025 में, भारत सरकार ने मछुआरों, किसानों, प्रोसेसिंग करने वालों और अन्य मत्स्य पालन हितों को देखते हुए लोन पहुंच बढ़ाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उधार सीमा को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है. इस कदम का उद्देश्य वित्तीय संसाधनों के प्रवाह को सुव्यवस्थित करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षेत्र की कार्यशील पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी धन आसानी से उपलब्ध हो. बढ़ी हुई लोन उपलब्धता आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने और ग्रामीण विकास और आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने में मदद करेगी, जिससे संस्थागत लोन को अधिक इंक्लूसिव और आसान बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा.
सरकार ने कम की इंपोर्ट ड्यूटी
वैश्विक समुद्री खाद्य बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और हमारे एक्सपोर्ट बास्केट में वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए, केंद्रीय वित्त मंत्री ने नकली केकड़ा मांस स्टिक, सुरीमी केकड़ा पंजा उत्पाद, झींगा एनालॉग, लॉबस्टर एनालॉग और अन्य सुरीमी एनालॉग या नकली उत्पाद आदि जैसे मूल्यवर्धित समुद्री खाद्य उत्पादों के विनिर्माण और एक्सपोर्ट के लिए फ्रोजन मछली पेस्ट (सुरीमी) पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को 30 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है. इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर भारतीय झींगा पालन उद्योग को मजबूत करने के लिए, एक्वाफीड के विनिर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण इनपुट मछली हाइड्रोलाइजेट पर आयात शुल्क 15 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की घोषणा की गई है. इससे उत्पादन लागत कम होने और किसानों के लिए राजस्व और लाभ मार्जिन में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे निर्यात में सुधार और इजाफा होगा.
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