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Career: 12वीं के बाद डेयरी क्षेत्र में करियर बनाकर पा सकते हैं मोटी सैलरी, जानिए इन कोर्स के बारे में

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. कुछ लोगों का मानना है कि सिर्फ इंजीनियर और डॉक्टर या फिर एमबीए करके ही अच्छी तनख्वाह पा सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं. अब वेटरनरी और डेयरी क्षेत्र में भी युवा अच्छा करियर बना सकते हैं. इन क्षेत्रों के निजी सेक्टर में भी कई ऐसी पोस्ट हैं जो 50 हजार से लेकर दस लाख रुपये प्रति माह वेतन हासिल कर सकते हैं. वहीं सरकार भी कई पोस्ट निकालती है, जिसमें अच्छी पेसकिल मिलता है. अब ऐसे में सवाल पैदा होता है कि वे कौनसे कोर्स हैं, जिन्हें करके इतनी अच्छी पोस्ट और मोटी सैलरी मिल सकती है तो Live Stock Animal News.com आज आपको इन्हीं सब कोर्स और संस्थानों के बारे में बता रहा है कि इन्हें कहां से कर सकते हैं और 12वीं के बाद कौनसे कोर्स कर सकते हैं.

भारत में डेयरी टेक्नोलॉजी/साइंस उन फील्ड्स में शुमार है, जिनका बड़ा स्कोप नजर आता है. इस समय देश में 235 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है, जो वैश्विक उत्पादन का करीब 24 फीसदी है. 2030 तक इस भागीदारी के 30 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है. जाहिर तौर पर डेयरी प्रोडक्ट्स का उत्पादन बढ़ने के साथ ही इस इंडस्ट्री में बड़ी संख्या में नौकरी के भी मौके आएंगे. ऐसे में जिन छात्रों ने 12वीं कक्षा पास की है और इस क्षेत्र में करिअर बनाने का विचार बना रहे हैं तो उनके लिए डेयरी टेक्नोलॉजी या डेयरी साइंस की पढ़ाई निजी और सार्वजनिक, दोनों क्षेत्रों में कई अवसर देती है. डेयरी प्रोडक्शन और डेवलपमेंट के विभिन्न पहलुओं को समझने और सुधारने के लिए जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी और अर्थशास्त्र जैसे विषयों की जानकारी जरूरी है. डेयरी विज्ञान पाठ्यक्रम के लिए पात्र होने के लिए, उम्मीदवारों का पीसीबी (भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान) विषयों में विज्ञान स्ट्रीम में कक्षा 12वीं पास होना जरूरी है.

पढ़ाई के विकल्प
आमतौर पर कॉलेज स्टूडेंट्स को 12वीं के स्कोर के आधार पर प्रवेश देते हैं लेकिन कुछ कॉलेज ICAR AIEEA के आधार पर डेयरी साइंस प्रोग्राम में दाखिला देते हैं. इसके अलावा टॉप रैंक के कॉलेजों में एडमिशन के लिए जेईई मेन, जेईई एडवांस, एमएचटी सीईटी, सीयूईटी, बिटसैट, केसीईटी, डब्ल्यूबी जेईई और बीआईटी ट्रिपलई जैसी परीक्षाओं का स्कोर जरूरी है.

ग्रेजुएशन: 12वीं कक्षा के बाद स्टूडेंट्स डेयरी टेक्नोलॉजी/डेयरी साइंस में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) या बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) में दाखिला ले सकते हैं. इन प्रोग्राम्स की अवधि आम तौर पर तीन से चार साल की होती है.

पोस्ट ग्रेजुएशन: ग्रेजुएशन की ही तर्ज पर स्टूडेंट्स डेयरी टेक्नोलॉजी या संबंधित क्षेत्रों में एमटेक या एमएससी कर सकते हैं. पीएचडीः शोध और शिक्षाविदों में रुचि रखने वालों के लिए डॉक्टरेट कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं.

ये विषय होते हैं पढ़ाई में शामिल
डेयरी टेक्नोलॉजी/साइंस के डिग्री प्रोग्राम में आम तौर पर कई विषय शामिल होते हैं. डेयरी केमिस्ट्री, डेयरी माइक्रोबायोलॉजी, डेयरी इंजीनियरिंग, डेयरी प्रोसेसिंग एंड पैकेजिंग, क्वालिटी अश्योरेंस, डेयरी इकोनॉमिक्स, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स, मिल्क साइंस, डेयरी इंजीनियरिंग, प्रोसेसिंग एंड प्रिजर्वेशन, क्वालिटी कंट्रोल, डेयरी फार्म मैनेजमेंट और पैकेजिंग व मार्केटिंग.

इन प्रोफाइल्स में बनाएं करिअर
डेयरी टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन पूरी कर चुके अभ्यर्थियों के लिए कई प्रोफाइल्स में करिअर बनाने के विकल्प रहते हैं. इसमें डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट डेयरी प्रोडक्ट्स की प्रोसेसिंग क्वालिटी कंट्रोल को देखते हैं. इंजीनियर डेयरी उत्पादों को और प्रोडक्शन में शामिल होते हैं. सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं. प्रोडक्शन मैनेजर डेयरी प्लांट्स में मशीनों के ऑपरेशन को मैनेज करने में अहम भूमिका हैं. रिसर्च एंड डेपलपमेंट (आरएंडडी) एक्सपर्ट नए डेयरी प्रोडक्ट्स को विकसित करने और मौजूदा उत्पादों को बेहतर बनाने पर काम करते हैं. सेल्स और मार्केटिंग आफिसर डेयरी के उत्पादों की मार्केटिंग और बिक्री बढ़ाने का काम करते हैं. कंसल्टेंट किसी भी डेयरी के प्रोडक्शन और प्रोडक्ट्स की क्वालिटी में सुधार के लिए पेशेवर सलाह देने का काम करते हैं.

डेयरी टेक्नोलॉजी/साइंस की पढ़ाई के प्रमुख संस्थान
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई).
करनाल आनंद कृषि विश्वविद्यालय (एएयू), आणंद.
तमिलनाडु पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, चेन्नाई.
गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना.
महाराष्ट्र पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नागपुर.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी.
कॉलेज ऑफ फूड एंड डेयरी टेक्नोलॉजी, कोडुवल्ली.
डेयरी साइंस कॉलेज, बैंगलोर.
केरल पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय.
राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर.

निजी क्षेत्र के प्रमुख रिक्रूटर और पैकेज
भारत में अमूल, सरस, नेस्ले, मदर डेयरी, वाडीलाल, हिंज, रिलायंस और मेट्रो डेयरी जैसी कई कंपनियां डेयरी टेक्नोलॉजी या साइंस की पढ़ाई कर चुके लोगों को प्रमुख तौर पर रोजगार के अवसर देती हैं. इसके अलावा भी कई क्षेत्रीय और प्रादेशिक स्तर की कंपनियां भी यह पढ़ाई कर चुके लोगों को रिक्रूट करती हैं. डेयरी टेक्नोलॉजी और साइंस के ग्रेजुएट्स को औसतन 2 लाख रुपए और 10 लाख रुपए प्रतिवर्ष मिलने की संभावना रहती है.

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