Home पशुपालन Beekeeping: CRPF भी करेगी साइंटिफिक मधुमक्खी पालन, जानें क्या है वजह
पशुपालन

Beekeeping: CRPF भी करेगी साइंटिफिक मधुमक्खी पालन, जानें क्या है वजह

beekeeping in india
वैज्ञानिक प्रशिक्षण और मधुमक्खी कॉलोनी एवं सुरक्षा उपकरण दिया गया.

नई दिल्ली. मधुमक्खी पालन ने भी अब व्यवसाय का रूप ले लिया है. मधुमक्खी पालन कृषि व बागवानी उत्पादन बढ़ाने की क्षमता भी रखता है. यही वजह है कि राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड और गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से इसके पालन को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है. इसी के तहत देश के झारखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्य में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन के अंतर्गत ‘केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के माध्यम से वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहन’ योजना को लागू किया गया है.

इस कार्यक्रम से जुड़े अफसरों ने बताया कि इसका उद्देश्य देश भर में स्थित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल परिसरों में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना है. इसके अंतर्गत रांची में सीआईएसएफ, सीआरपीएफ तथा आईटीबीपी को, जमशेदपुर में आरएएफ, हजारीबाग में बीएसएफ, नागपुर में सीआरपीएफ और बेलगाम में आईटीबीपी के लिए वैज्ञानिक प्रशिक्षण और मधुमक्खी कॉलोनी एवं सुरक्षा उपकरण प्रदान किया गया. बताया जा रहा है कि इससे अच्छी खासी मात्रा में शहद और मोम हासिल की जा सकती है.

मधुमक्खी पालन के हैं कई फायदे
मधुमक्खी पालन के फायदे की बात की जाए तो इससे मोम व शहद हासिल की जाती है. शहद और मोम की हासिल करने के लिए मधुमक्खियां को पाला जाता है. यह कृषि उद्योग माना जाता है. मधुमक्खियां फूलों के रस को शहद में बदल देती है. उन्होंने छत्तो में जमा करती हैं. मधुमक्खियां का एक फायदा और भी है कि ये कृषि उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं. इस कीट को किसानों का सच्चा मित्र माना जाता है. मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त मौसम, टू-डू लिस्ट, न्यूक्लियस कॉलोनी, दो छत्ते की जरूरत होती है. वहीं हर हफ्ते मधुमक्खी के छत्ते की जांच करनी होती है.

400 रुपये किलो तक बिकता है शहद
मधुमक्खी पालने के लिए जिस बॉक्स की जरूरत होती है उसकी कीमत लगभग 4 हजार रुपये होती है. एक बॉक्स से 35 से 40 किलो तक शहद निकाला जा सकता है. अगर कोई किसान मधुमक्खियां के 200 बॉक्स में इसका पालन करें तो 4 से 5 लख रुपये की कमाई हो सकती है. मधुमक्खियां से हासिल होने वाले शहद को लोकल बाजार में 400 रुपये तक बेचा जा सकता है. मार्केट में आसानी से शहद की बिक्री होती है. बता दें कि मधुमक्खी पालन के लिए सरकार की ओर से भी सहायता प्राप्त की जाती है. जिसमें 90 की स्थिति तक अनुदान दिया जाता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

animal husbandry
पशुपालन

Animal News: गधे-घोड़ों में पिरोप्लाजमोसिस बीमारी की जांच करेगी भारत की एकमात्र लैब, WOAH ने दिया दर्जा

WOAH से मिला प्रयोगशाला का ये दर्जा न केवल रिसर्च और डाइग्नोस्टिक...

poultry farming
पशुपालन

Poultry: इस बीमारी में मुर्गियों की बीट हो जाती पतली, नाक से निकलने लगता है पानी, जानें क्या है उपचार

इस आर्टिकल में हम आपको मुर्गियों में होने वाली क्रानिक रेस्पाइरेट्री डिजीज...