Home डेयरी Dairy: दूध-दही, क्रीम-पनीर सब मूंगफली से बनाएगी सीफेट की यह मशीन, जानें कैसे
डेयरी

Dairy: दूध-दही, क्रीम-पनीर सब मूंगफली से बनाएगी सीफेट की यह मशीन, जानें कैसे

PEANUT, MILK, CIPHET, LUDHIANA
सीफेट में मशीनों पर काम करते वैज्ञानिक

नई दिल्ली. खेती में ज्यादा से ज्यादा कीटनाशक और दूध बढ़ोत्तरी के लिए पशुओं को लगाए जा रहे इंजेक्शन और दी जा रही दवाओं की वजह से बहुत से लोगों ने दूध पीना ही छोड़ दिया है. अब जिनके पास कोई विकल्प नहीं हैं वे ही दूध का उपयोग कर रहे हैं. वहीं ज्या्दातर डायबिटीज पेशेंट ने भी दूध में लैक्टोज की वजह से दूध पीना बंद कर दिया है. ऐसे में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट साइंस एंड टेक्नोंलॉजी (सीफेट), लुधियाना ने मूंगफली से दूध-दही और क्रीम-पनीर तैयार किए हैं. पशुओं के दूध के मुकाबले में इसे बहुत सस्ता बताया जा रहा है. इतना ही नहीं अगर मूंगफली के दूध को गर्म करके फ्रिज में रख दें तो ये दो-तीन दिन तक आराम से रखा जा सकता है. एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर वैज्ञानिक तरीके से इसे साफ करके रखा जाए तो यह दो-तीन महीनों तक चल सकता है.

दूध उपभोक्ताओं के मन में कुछ सवाल अक्सर उठते हैैं कि पशुपालक या दूध बेचने वाले लोग दूध में किस वजह से मिलावट करते हैं. क्या जिस दूध को हम पी रहे हैं वो सही या खराब. कहीं कोई ज्यादा मिलावट तो नहीं. पशुओं को इंजेक्शन या दवाएं तो नहीं दे रहीं. इन सवालों के चलते बहुत से लोग दूध ही नहीं पीते. लोगों का मानना है कि आजकल पशु पालक या किसान पशु से दूध ज्यादा लेने के चक्कर में उन्हें इंजेक्शन लगाते हैं या फिर उन्हें दवाएं देते हैं. इससे तो पशु का दूध तो बढ़ जाता है लेकिन वो मानव उपयोग के लिए हानिकारक हो जाता है. ऐसे में लोग क्या करें कि उन्हें अच्छा दूध मिल जाए. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट साइंस एंड टेक्नोंलॉजी (सीफेट), लुधियाना ने मूंगफली से दूध-दही और क्रीम-पनीर तैयार किए हैं. आइए जानते हैं कि इस दूध की खासियत क्या है और क्या से पशु के दूध के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक है या नहीं.

प्लांट की क्षमता को बढ़ाया भी जा सकता है
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट साइंस एंड टेक्नोंलॉजी यानी सीफेट, लुधियाना ने एक ऐसा मिल्क प्लांट तैयार किया है, जिसे कम लागत में खरीदकर मूंगफली के दूध से बने प्रोडेक्ट तैयार किए जा सकते हैं. अगर कोई मूंगफली के दूध से बने प्रोडक्ट का छोटे लेवल पर कारोबार करना चाहता है तो सीफेट ने 20 लीटर दूध की क्षमता वाला प्लांट तैयार किया है. इसकी कीमत करीब साढ़े तीन लाख रुपये रखी गई है. अगर कोई चाहता है कि प्लांट की क्षमता 500 से एक हजार लीटर दूध की हो तो प्लांट में इस्तेमाल होने वालीं करीब छह तरह की मशीनों की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है. मौजूदा वक्त में पंजाब के लुधियाना में मूंगफली के दूध से बना पनीर खूब बिक रहा है. कई फर्म अब धीरे-धीरे सीफेट की इस टेक्नोंलॉजी को खरीद रही हैं.

एक किलो मूंगफली में बना सकते हैं सात लीटर दूध
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट साइंस एंड टेक्नोंलॉजी के इस प्रोजेक्ट से जुड़ी रिसर्च स्कॉलर डॉ. नवजोत के अनुसार बाजार में 120 से 130 रुपये किलो तक बिकने वाली किसी भी वैराइटी की मूंगफली का इस्ते‍माल दूध निकालने के लिए किया जा सकता है. एक किलो मूंगफली से सात लीटर तक दूध निकल आता है. जबकि आज बाजार में भैंस का दूध 70 से 75 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.

दही, क्रीम, लस्सी और चाय भी बना सकते हो
मूंगफली के इस दूध से आप दही, पनीर और क्रीम भी बना सकते हैं. पनीर में प्रोटीन की मात्रा भी खूब होती है. इसके साथ ही आप अगर चाहें तो क्रीम से ऑयल भी बनाया जा सकता है. पशुओं के दूध की तरह मूंगफली के दूध को चाय, शरबत, लस्सी में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इतना ही नहीं फ्लेवर्ड मिल्क बनाकर भी पिया जा सकता है.

दुनिया में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर मूंगफली उत्पादक देश
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट साइंस एंड टेक्नोंलॉजी में इस प्रोजेक्टट से जुड़ी रिसर्च स्कॉलर डॉ. गुरजीत ने बताया कि दुनिया में चीन के बाद मूंगफली उत्पादन में भारत दूसरा स्थान रखता है. भारत में प्रति वर्ष 10 मिलियन मीट्रिक टन से ज्यादा मूंगफली का उत्पादन होता है. इस लिहाज से मूंगफली के दूध से बने प्रोडक्ट को बाजार में बेचने के लिए कोई भी इस कारोबार को शुरू कर सकता है. लागत भी ज्यादा नहीं आती है.

ये है मूंगफली से दूध बनाने का पूरा प्रोसेस
डॉक्टर नवजोत मूंगफली से दूध बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि पहले मूंगफली को छीलेंगे. छीली हुई मूंगफली के दानों को कुछ समय के लिए हल्के गर्म पानी में भिगो लेते हैं. जब कुछ देर तक गर्म पानी में भीगने के बाद मूंगफली को एक मशीन में डाल लेते हैं. इससे दाने के ऊपर से लाल रंग वाला छिलका उतारा जाता है. फिर छिली हुई मूंगफली को कुकर वाले ग्राइंडर में डाला जाता है. जहां एक तय माप के साथ पानी भी डाला जाता है. वहीं मूंगफली ग्राइंड की जाती है. इस दौरान बॉयलर को चालू कर दिया जाता है. फिर बॉयलर की स्टीम कुकर में पहुंचा दी जाती है. तय वक्त के बाद कुकर में वैक्यूम छोड़ा जाता है. जिसके दबाब से वो सारा लिक्विंड एक अलग मशीन में आ जाता है और फिर उस दूध को छानकर अलग बर्तन में कर लिया जाता है. उन्होंने बताया कि प्लांट मिल्क को तरजीह देने वालों को यह दूध खूब पसंद आ रहा है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

fodder for india'animal, milk rate, feed rate, animal feed rate
डेयरी

Fodder: UP में पशुओं की जरूरत के मुताबिक उपलब्ध नहीं है चारा, यहां पढ़ें क्या है वजह

यूपी सरकार की ओर से जारी ​किये गये आंकड़ों के मुताबिक साल...

milk production in india, livestockanimalnews
डेयरी

Milk Day: फिट रहने के लिए जरूर पिएं दूध, तनाव को भी करता है दूर, यहां पढ़ें और क्या फायदे हैं

नई दिल्ली. भारत दुनियाभर में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश...

Milk Production, Dairy News, UP Dairy News, A-Help Scheme, Animal Husbandry, Uttar Pradesh State Rural Livelihood Mission, Yogi Government, CM Yogi, UP CM
डेयरी

Milk Production: कैसे बढ़ाया जा सकता है दूध उत्पादन, एनिमल एक्सपर्ट ने दिए 11 सुझाव, पढ़ें यहां

दूध उत्पादन क्षमता और भार वहन क्षमता में इजाफा करने के लिए...