नई दिल्ली. पशु जिन बछड़े बछड़ियों को जन्म देते हैं. आगे चलकर वही डेयरी फार्मिंग का फ्यूचर होते हैं. क्योंकि जो आज बछड़ी है वो आगे चलकर पशु बनेगी और डेयरी फार्मिंग में इससे फायदा होगा. अगर आप इनकी शुरुआत से ही देखरेख अच्छी तरह से करेंगे, इन्हें बेहतरीन खुराक देंगे और अच्छे ढंग से पालेंगे तो आगे चलकर ये आपको फायदा पहुंचाएंगी. जबकि उनके पालन पोषण में कमी या गलती की जाएगी तो इससे होने वाला फायदा नुकसान में भी तब्दील हो सकता है. इसलिए ठीक ढंग से देखरेख करना जरूरी है.
दरअसल, पशुपालक कुछ ऐसी गलतियां कर जाते हैं, जिसकी वजह से बछड़ियों की ग्रोथ रुक जाती है. उनके पेट लटक जाते हैं. उनकी लेंथ भी ज्यादा नहीं होती है. जबकि उनकी स्किन भी ड्राई हो जाती है. इन समस्याओं की वजह से पशुपालन में नुकसान होने का खतरा रहता है. आज के इस आर्टिकल में हम आपको ये बताएंगे कि किस तरह से बछड़ियों को पाला जाए उनकी किस तरह की देखभाल की जाए.
लटक जाते हैं बच्चों के पेट
बछिड़यों शुरुआत में दूध के अलावा कोई और खुराक हजम नहीं कर पाती हैं. जबकि शुरू में हरा चारा भी दिया जाए तो उसे भी बछड़ियां नहीं खा पाती हैं और उसे पचा भी नहीं पाती हैं. कई बार किसान यह गलती करते हैं कि पशु की जब कम उम्र के रहते हैं तभी उसे हरा चारा खिलाने लगते हैं. इससे होता है यह है कि जो छोटे बच्चे होते हैं उनके पेट लटक जाते हैं. ना तो उनकी लेंथ बढ़ती है और न ही उनकी ग्रोथ बढ़ती है. वहीं पशु वह सुस्त नजर आते हैं.
7 दिनों के बाद दें ये चीज
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि शुरुआती 6 महीना बछड़े बछड़ियों को हरा चारा नहीं खिलाना चाहिए. जब बछड़ी 7 दिन की हो जाए तो उसे काल्फ स्टार्टर देना शुरू करना चाहिए. काल्फ को आहिस्ता-आहिस्ता से चाटता है फिर खाना खाना शुरू कर देता है. इससे उसका डाइजेस्ट सिस्टम इस तरह का हो जाता है कि वह हर तरह की चीजों को पचाने लगता है.
इस तरह घर पर बनाए
काल्फ स्टार्टर बना बनाया मिल जाए तो अच्छी बात है. क्योंकि इसमें मिनरल, विटामिंस, फैट वगैरह सब होता है. अगर आप काल्फ स्टार्टर घर पर ही बनाना चाहते हैं तो 50 किलो मकई का दलिया ले लें. 30 किलो गेहूं ले लें और 20 किलो सरसों के खल को बारीक करके इन तीनों चीजों को मिक्स कर लें. इसके बाद छोटी बछिड़यों केे आगे रख दें. कुछ दिन में बछिड़यां इन्हें खाना शुरू कर देंगी. जब वह खाना स्टार्ट कर दें तो साथ में पानी भी रखें, ताकि वह पानी पीना शुरू कर दें. सर्दियों में पानी गुनगुना देना चाहिए.
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