नई दिल्ली. देश में दूध कारोबार में गायों के दूध का खासा योगदान है. देश में भैंस से ज्यादा गायों की संख्या है. अगर गायों की नस्ल की बात करें तो देश में पहले 41 गायों की नस्ल रजिस्टर्ड थी लेकिन अब इनकी संख्या 51 हो गई है. 10 और गायों को इस लिस्ट में कुछ समय पहले शामिल किया गया है. गिर, राठी, नागौरी, साहिवाल और बद्री गाय की अव्वल नस्ल है. भैंस के मुकाबले गाय के दूध को ज्यादा गुणकारी बताया जाता है. देसी घी भी गाय का ज्यादा महंगा बिकता है. बता दें कि देसी नस्ल की सबसे ज्यादा गाय मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में हैं. गायों के लिए देशभर में केंद्र और राज्य सरकारों की मदद से गौशालाएं संचालित होती हैं.
ये 10 नई नस्ल हुई थी शामिल
उत्तर प्रदेश के मेरठ में देश का सबसे बड़ा कैटल रिसर्च सेंटर है. यहां देसी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल सीमेन टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. हाल ही में हुए कार्यक्रम में कृषि मंत्रालय की ओर से गायों की 10 नई नस्लों का रजिस्टर्ड किया गया था. इससे पहले गायों के रजिस्टर नस्ल की संख्या 41 थी लेकिन 10 नई नस्लों को शामिल किया गया. उसमें पोडा, थुरुपू, नारी, डागरी, थूथो, श्वेता कपिला, हिमाचली पहाड़ी, पूर्णिया, कथानी, सांचौरी और मासिलुम रजिस्टर्ड हो गई हैं.
ये हैं गाय की कुछ खास नस्लें
गिर, लखमी, सहीवाल, बचौर, हरियाणा, कंकरेज, कोसाली, खिल्ली, राठी., मालवी, बद्री, हल्लीकर, मलनाड गिद्वा, ओंगलो, रेड सिंधी, थारपरकार, गंगातीरी, नीमारी, नागौरी, अमृतमहल, देवनी, मोटू, डांगी, गायोलायो, कंगायम, आदि. बता दें कि देश में प्योर देसी नस्ल की गायों की संख्या 2.49 करोड़ है. देश में 41 देसी नस्लीय गायों की कुल संख्या 4.18 करोड़ है. देश में देसी गायों की कुल संख्या 14.21 करोड़ है. देश में दूध देने वाली देसी गायों की संख्या 3.59 करोड़ है. देश के कुल दूध उत्पादन में देसी गायों का 20 फीसद हिस्सा है.
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