Home पशुपालन Animal Disease: प्रेग्नेंसी और दूध देने के दौरान गायों को रहता है इस बीमारी का खतरा, पढ़ें क्या है कारण
पशुपालन

Animal Disease: प्रेग्नेंसी और दूध देने के दौरान गायों को रहता है इस बीमारी का खतरा, पढ़ें क्या है कारण

livestock animal news
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. कीटोसिस बीमारी पशु के ब्याने के बाद कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह में होती है. इसमें खून में ग्लूकोज की कमी और कीटोन बॉडीज की ज्यादती व पेशाब में कीटोन बॉडीज का शरीर से बाहर आते हैं. इसके चलते शरीर का वजन कम हो जाता है. दूध उत्पादन भी कम हो जाता है. इसकी वज से अक्सर दूध उत्पादक और प्रजनन में नुकसान होता है. इसके अलावा पशुपालकों को वित्तीय नुकसान झेलना पड़ता है. जो की उनके उपचार में और बढ़ जाती है. एक्सपर्ट कहते हैं कि कीटोसिस के मामले ज्यादातर उच्च उत्पादन वाली डेयरी गायों में होता है. कीटोसिस में शरीर में कार्बोहाइड्रेट व वोलेटाइल फैटी एसिडस के मेटाबोलिज्म में गड़बड़ी से उत्पन्न होती है.

कार्बोहाइड्रेट के पाचन व वितरण में असंतुलन से ही यह रोग होता है. शरीर की स्थिति का आकलन और शरीर के ऊपर बसा परत की मोटाई की निगरानी, रुमेन की गतिविधि और कीटोसिस होने के कारणों निगरानी के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला तरीके है.

बीमारी का क्या है कारण
यह बीमारी आमतौर पर ब्याने के बाद उन गायों में होती है जिन की उत्पादन क्षमता अधिक होती है. इसलिए उन्हें आहार भी अधिक दिया जाता है और पशु पूरे दिन घर में बंधे रहते हैं. वहीं उन्हें रेस्ट नहीं मिलता है. या चरने बाहर नहीं जाते हैं. कीटोसिस की संभावना तीसरे व उसके बाद के ब्यात में अधिक होती है. जब उनके दूध उत्पादन की क्षमता अपने चरम पे होती है. तब शरीर में ग्लूकोज की उप्लब्धता कम हो जाती है. जिसके कारण से वसा का उपयोग अधिक होने लगता है और कीटोन बॉडीज का निर्माण ज्यादा होने लगता है. खून की जांच में कीटोन बॉडीज बढ़ा हुआ तथा ग्लूकोज घटा हुआ दिखता है. इस प्रकार के कीटोसिस को प्राथमिक कीटोसिस कहा जाता है.

संकर नस्ल के पशुओं पर होता है ज्यादा खतरा
कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान अंतिम महीनों में भी हो सकता है. क्योंकि उस समय वसा ज्यादा तेजी से ऊर्जा प्रदान करने के लिए उपयोग होता है. इसके चलते ग्लूकोज के निर्माण में दिक्कत होती है और शरीर को इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी बनाता है. जिससे ग्लूकोज का उपयोग रुक जाता है. इस प्रकार के कीटोसिस का विकास गाय को सूखा अवधि के दौरान अधिक खिलाने से होता है. खून के जांच में कीटोन बॉडीज बढ़ा हुआ और ग्लूकोज घटा हुआ दिखता है. देशी नस्लों की गायों में कीटॉसिस नहीं के बराबर होता है परंतु संकर नस्ल के पशुओं में अधिक पाया जाता है. यह रोग शरीर में कार्बोहाइड्रेट के मेटाबोलिजिम में गड़बड़ी से कार्बोहाइड्रेट की कमी से हाइपोग्लाइसीमिया होने के कारण होता है. गर्मी में पशु को अधिकतर कम मात्रा व कम गुणवत्ता वाला चारा मिलता है. ऐसे में शरीर की आवश्यक क्रियाओं के संचालन हेतु वसा का प्रयोग अधिक होता है. जिससे कीटोन बॉडीज बनते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

PREGNANT COW,PASHUPALAN, ANIMAL HUSBANDRY
पशुपालन

Cow Husbandry: गाय के बच्चे की तेजी से बढ़वार के लिए क्या खिलाना चाहिए, जानें यहां

क्योंकि मां के दूध में सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो...

gir cow
पशुपालन

Animal Husbandry: डेयरी पशुओं की गर्भ को लेकर होने वाली इस समस्या का क्या है इलाज, पढ़ें यहां

एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि पशुपालक भाई इन कुछ बातों को ध्यान...

livestock
पशुपालन

Animal Husbandry: बच्चा पैदा होने के बाद जेर न गिरने से पशुओं को होती हैं क्या-क्या परेशानियां, पढ़ें यहां

यदि जेर निकालने के लिए मजदूर, किसान या ग्वाले जैसे अनजान व्यक्ति...

livestock animal news
पशुपालन

Animal Husbandry: भैंस के बच्चे को क्या-क्या खिलाएं कि तेजी से हो ग्रोथ

भैंस के बच्चे को तीन माह तक रोजाना उसकी मां का दूध...