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Dairy: 22 फरवरी को गोल्डन जुबली मनाएगा Amul, पीएम मोदी और अमित शाह होंगे शामिल

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अमूल इंडिया की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. अमूल दूध पीता है इंडिया का नारा तो सुना ही होगा. अमूल दूध का वो ब्रांड है, जिसने देश के हर घर तक पहुंच बना ली है अब विदेश में भी अपने प्लांट लगाकर विदेशी पर भी कहेगा अमूल पीता है… पर इतने बड़े ब्रांड को बनाने में कितने साल गए कितनी मेहनत लगी होगी, नहीं तो हम बताते हैं. अमूल का इतना ब्रांड बनने की पूरी कहानी जानने के लिए नीचे तक पूरी खबर को जरूर पढ़ें…

व्यापारियों ने शोषण किया तो कुरियन ने खड़ा कर दिया इतना बड़ा साम्रज्य
वैसे तो अमूल की शुरुआत 1946 में हुई थी, लेकिन जीसीएमएफएफ की फाउंडेशन 1973-74 में हुई थी. 1946 और 1974 के बीच, डेयरी सहकारी आंदोलन खेड़ा, मेहसाणा, साबरकांठा, बनासकांठा, वडोदरा और सूरत सहित गुजरात के छह जिलों में फैल गया. जब ये दुग्ध सहकारी समितियां अपने प्रोडेक्ट के साथ में बाजार में गईं तो व्यापारियों ने उनका शोषण करना शुरू कर दिया. इस पर इन छह संघाटनों के अध्यक्ष डॉक्टर वर्गीज कुरियन ने जीसीएमएमएफ की स्थानापना की. इस संघ का मुख्य उद्देश्य अपना खुद का वितरण और विपणन नेटवर्क खड़ा करना था. यही वजह है कि आज वो मकसद सिर्फ छह संगठन या छह जिलों तक सीमित न रहकर पूरे देश में फैल गया. अब 22 फरवरी-2024 को गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) अपनी स्वर्ण जयंती समारोह मनाने जा रहा है. इस समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह शामिल हो सकते हैं. इसे लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

पीएम मोदी और अमित शाह हो सकते हैं शामिल
22 फरवरी-2024 को गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) अपनी स्वर्ण जयंती समारोह मनाने जा रहा है. यह समारोह गुजरात में अहमदाबाद के मोटेरा में नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आयोजित होने की संभावना है. इसमें पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह शामिल हो सकते हैं. यह आयोजन जीसीएमएमएफ के 50 वर्ष पूरे होने का प्रतीक होगा और इसमें भारत भर से कई दुग्ध सहकारी समितियों और राज्य संघों की भागीदारी भी देखने को मिलेगी.

दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी समिति
जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने एक मीडिया हाउस को बताया कि वर्तमान में, 18 जिला दुग्ध संघ गुजरात में जीसीएमएमएफ नेटवर्क का हिस्सा हैं और इनका संचयी कारोबार ₹72,000 करोड़ से अधिक है. एक अधिकारी ने बताया कि “यह गुजरात में 36 लाख किसानों के स्वामित्व वाली दुनिया की सबसे बड़ी डेयरी सहकारी समिति है.”

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