नई दिल्ली. पशुपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राज्य सरकार की बजट घोषणा 2025-26 के तहत मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जल्द ही प्रारंभ होगी. योजना के तहत पशुपालक परिवारों के 42 लाख गाय, भैंस, भेड़, बकरी और ऊंट का रिस्क कवर किया जाएगा. कुमावत मंगलवार को शासन सचिवालय में आयोजित योजना की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे. बैठक में पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा, निदेशक डॉ. आनंद सेजरा, वित सचिव नवीन जैन, राज्य बीमा और प्रावधायी निधि विभाग के अधिकारी तथा पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ सुरेश मीना सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
कुमावत ने योजना का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पशुओं के हेल्थ सर्टिफिकेट के साथ ही उसकी बीमा पॉलिसी भी जारी की जाए. जिससे यह काम अपने निर्धारित समयावधि में पूरा हो सके. उन्होंने पिछले वर्ष की बीमा पॉलिसी जारी करने की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर करते हुए सर्वेयर की संख्या में बढोतरी करने के निर्देश दिए.
9 लाख पशुओं के लिए हैल्थ सर्टिफिकेट जारी
बैठक में बजट घोषणा के मुताबिक इस वर्ष 42 लाख पशुओं का बीमा कवर करने के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई और कुमावत ने विभाग के अधिकारियों को इसी महीने नए रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए. बाद में मीडिया से बात करते हुए मंत्री ने बताया कि वर्ष-2024-25 में कुल 16 लाख 72 हजार ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे. इनमें से पशुपालन विभाग ने 9 लाख 76 हजार पशुओं के हेल्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिए हैं. इनमें से 4 लाख 40 हजार राज्य बीमा और प्रावधायी निधि विभाग (एसआईपीएफ) की ओर से बीमा पॉलिसी जारी कर दी गई है. शेष बीमा पॉलिसी व हेल्थ सर्टिफिकेट जारी करने के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए अधिकारियों को पाबंद किया गया है.
इन पशुपालकों को मिलेगी प्राथमिकता
इसके साथ ही बजट 2025-26 की घोषणा के तहत नए रजिस्ट्रेशन के लिए इसी महीने ऑनलाइन आवेदन शुरू करने के लिए भी कहा गया है. उन्होंने बताया कि इस बार इस कार्य को निर्धारित अवधि में पूरा करने के उदेश्य से बीमा कंपनी को भी सर्वेयर की संख्या बढाने के लिए कहा गया है. उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत पशुओं की आकस्मिक मृत्यु पर पशुपालक परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. इस योजना में प्रदेश के जनआधार धारक पशुपालक पात्र होंगे. बीमा के लिए गोपालक क्रेडिट कार्ड धारक और लखपति दीदी पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए क्रमशः 16 और 12 प्रतिशत का आरक्षण है.
40 हजार रुपए की मिलेगी मदद
चयनित पशुपालकों के दुधारू पशु (गाय, भैंस) या बकरी, भेड़ व ऊंट का निःशुल्क बीमा किया जाएगा. लेकिन यह बीमा केवल उन्ही पशुओं का होगा जो अन्य किसी योजना में बीमित नहीं हैं. यह बीमा एक वर्ष के लिए होगा और पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा. बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र और उत्पादन क्षमता के आधार पर किया जाएगा, लेकिन अधिकतम राशि 40,000 रुपए से अधिक नहीं होगी.
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