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Dairy Farming: दूध में नंबर वन हैं गाय की ये नस्लें, 50 लीटर तक दे सकती हैं मिल्क

गोवंश के गोबर से संरक्षण केंद्र में बड़ा प्लांट संचालित होता है, जिससे जनरेटर के माध्यम से बिजली बनाई जाती है.
गोशाला में बैठी गाय.

नई दिल्ली. देश में कई नस्लों की गाय को पालकर डेयरी बिजनेस किया जा रहा है. भारत में पाई जाने वाली तमाम गायों में कुछ गायों की नस्लें सबसे ज्यादा दूध देने के लिए जानी जाती हैं. एक नस्ल की गाय तो रोजाना 25 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है. एक्सपर्ट का कहना है कि अच्छी देखभाल की जाए तो 40 से 50 लीटर प्रतिदिन तक इस नस्ल की गाय से दूध लिया जा सकता है. कई नस्लों की गाय के दूध 25 से 28 रुपए लीटर में बिकते हैं. तो कुछ गायों के दूध की कीमत देश के अलग राज्यों में करीब 100 रुपये प्रति लीटर तक हो जाती है. आइये जानते हैं आज गायों की टॉप नस्लों के बारे में.

भारत में पशुपालकों द्वारा सबसे अधिक संख्या में पशुपालन किया जाता है. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जहां दूध का उत्पादन सबसे अधिक होता है. कुछ गायों की नस्लें ऐसी हैं जो जबरदस्त दूध देती हैं. आइये जानते हैं इनके बारे में.

गुजरात में पाई जाती है ये नस्ल: गिर नस्ल की गाय गुजरात के इलाकों में पाई जाती है. गिर के जंगलों में पाए जाने के कारण इनका नाम गिर पड़ा है. इन्हें भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली नस्ल माना जाता है. इस नस्ल की एक गाय दिन में 50 से 80 लीटर तक दूध दे देती है. इस गाय के थन बड़े होते हैं. देश ही नहीं विदेश में भी इस गाय की काफी डिमांड है. इजराइल और ब्राज़ील के लोग गिर गाय को पालना पसंद करते हैं.

पंजाब हरियाणा की बेस्ट नस्ल है साहिवाल गाय: साहिवाल गायों को दूध बिजनेस में काफी पसंद करते हैं. ये गाय सालाना 2000 से 3000 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती हैं. एक बार मां बनने पर लगभग 10 महीने तक यह दूध देने में सक्षम हैं. इन्हें भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति माना जाता है. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पाई जाती हैं. साहिवाल गाय के दूध में फैट और प्रोटीन बहुत अधिक पाया जाता है. इस नस्ल के पशुओं का रंग लाल भूरा होता है. आकार मध्यम, छोटी टांगे सिर चौड़ा होता है. जबकि छोटे और भारी सींग गर्दन के नीचे लटकते हुए नजर आते हैं. ये नस्ल पंजाब के फिरोजपुर और अमृतसर जिलों में और राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में मुख्य रूप से पाई जाती है. वहीं पंजाब में फिरोजपुर जिले के फाजिलका और अबोहर कस्बों में शुद्ध साहीवाल गायों के झुंड मिल जाते हैं.

लाल सिंधी गाय: लाल सिंधी गाय पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक तमिलनाडु में सबसे ज्यादा पाली जाती है. अपने रंग के कारण इन्हें लाल सिंधी कहा जाता है. लाल रंग की इस गाय को ज्यादा दूध देने के लिए पाला जाता है. लगभग 2000 से 3000 लीटर सालाना ये दूध दे देती हैं. यह नस्ल सिर्फ सिंधी इलाके में ही पाई जाती है, लेकिन अब पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, उड़ीसा में भी पाली जा रही है.

गुजरात की कांकरेज: कांकरेज नस्ल मूलत: गुजरात और राजस्थान में मिलती है. यह प्रतिदिन 5 से 10 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है. इसका मुंह छोटा और चौड़ा होता है. इस नस्ल के बैल भी अच्छे भरवाहक माने जाते हैं.

राजस्थान की राठी नस्ल: राठी राजस्थान की गाय मानी जाती है. राठस जनजाति के नाम पर इसका नाम रखा गया था. इन्हें ज्यादा दूध देने के लिए पाला जाता है. ये गाय राजस्थान के गंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर इलाकों में खूब पाली जाती हैं. प्रतिदिन 6 से 8 लीटर दूध देने की क्षमता होती है.

नागौरी गाय: नागौरी नस्ल राजस्थान की नागौर जिले में पाली जाने वाली गाय है. इस नस्ल का रंग हल्का लाल सफेद और हल्का जमुनी होता है. एक बार मां बनने के बाद 600 से 1000 लीटर तक दूध देती है. इसके दूध में वसा 4.9 प्रतिशत होती है.

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