Home पशुपालन Animal Husbandry News: प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में खुलेगा पशु चिकित्सालय: पशुपालन मंत्री
पशुपालन

Animal Husbandry News: प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में खुलेगा पशु चिकित्सालय: पशुपालन मंत्री

बेहसारा गायों और काउ सेंक्चरी की तस्वीर.

नई दिल्ली. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन न सिर्फ रोजगार का प्रमुख साधन है, बल्कि इससे जुड़े आर्थिक और सामाजिक पहलू भी इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं. 20वीं पशुधन गणना 2019 के अनुसार राजस्थान में पशुधन की संख्या 56.8 मिलियन (5.68 करोड़) है. यही वजह है कि राजस्थान देश का दूसरा सबसे अधिक पशुधन उपलब्ध कराने वाला राज्य है. रेगिस्तानी इलाकों में पशुपालन न केवल दूध बल्कि मांस, बाल और उनके फर आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. राज्य सरकार भी पशुपालकों के उत्थान के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है. बात पशुपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने पाली जिले की सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव रोजड़ा में आयोजित एक समारोह में कही.

उन्होंने कहा कि पशुपालन अब स्टार्टअप के रूप में उभरकर सामने आ रहा है, जिसकी वजह से राज्य की अर्थव्यवस्था में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान हो गया है. उन्होंने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में आ रही सभी समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार सदैव तैयार है, जिसका पशुपालकों को लाभ लेना चाहिए.

चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने उठाए हैं कदम
कुमावत ने कहा कि पशुपालन में बढ़ती मुश्किलों ने किसानों और पशुपालकों के सामने गंभीर चुनौतियां हैं. इनके सामने सबसे बड़ी समस्या अपने बीमार पशुओं का इलाज करवाना है, परंतु इसे लेकर राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं. पशुओं को समय पर उपचार मिले इसके लिए प्रदेश में 536 मोबाइल वेटनरी इकाई शुरू की गई है. इसके लिए पशुपालन इस वैन को घर पर बुलाकर ही अपने बीमार पशु का नि:शुल्क उपचार करवा सकता है. उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सकों, पशुधन सहायक, पशु परिचर की कमी को दूर करने के लिए 724 पशु चिकित्सा अधिकारी, 5934 पशुधन परिचर व 2041 पशुधन सहायकों की भर्ती की जा रही है.

पशु अस्पतालों को किया जा रहा है अपग्रेड
आगे कहा कि इसके अलावा पशु चिकित्सालयों की मजबूती के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश में प्रदेश के 25 प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयों को बहु-उदेदशीय पशु चिकित्सालयों में, 19 को प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय तथा 101 पशु चिकित्सा उप केंद्रों को पशु चिकित्सालयों में क्रमोन्नत किया गया है. अब राज्य सरकार हर ग्राम पंचायत स्तर पर पशु चिकित्सालय खोलने के उदेदश्य से कार्य कर रही है. पशुपालन मंत्री कुमावत ने कहा कि सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र की हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पशु चिकित्सालय खोलने की मंजूरी मिल चुकी है. इनमें से जिन ग्राम पंचायतों में भूमि के पटटे जारी हो चुके हैं वहां भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई, जिनमें पटटे शेष हैं वहां कार्यों में तेजी लाई जाएगी.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

तोतापरी की बकरी के पालन में बहुत ही कम लागत आती है. तोतापुरी या तोतापरी बकरी कम लागत में पालकर मोटी कमाई की जा सकती है.
पशुपालन

Goat Farming: कितने वक्त के लिए हीट में रहती है बकरी, क्या है इसकी पहचान, जानें यहां

हीट में आई बकरियों की मदकाल (गर्मी) में आने के 10-12 घण्टे...

camel farming
पशुपालन

Animal Husbandry: ऊंट पालन को फायदेमंद बनाएगी सरकार, दूसरे राज्यों में ले जाना होगा आसान

पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि अन्य राज्यों में ऊंट ले...

गोवंश के लिए योगी सरकार ने समाज को भी इस अभियान का हिस्सा बनाते हुए कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रखी हैं.
पशुपालन

Dairy: दुधारू पशुओं की सेहत से लार का क्या जुड़ाव है, जानें यहां

आपको बता दें कि कई बार एलर्जी और जहरीला पदार्थ खाने से...

अच्छी फसल और अच्छी नस्ल दोनों पशुपालन में मायने रखती हैं. ठीक उसी प्रकार बकरी पालन में भी ये नियम मायने रखता है.
पशुपालन

Goat: मीट और दूध उत्पादन के लिए पालें किस नस्ल की बकरी, जानें यहां

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) की मानें तो बकरी पालन में...