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Fish Farming: मछली पालन के साथ ये काम भी कर सकते हैं आप, कई गुना बढ़ जाएगा फायदा

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. एक एकड़ में अगर मछली पालन किया जाए तो सालाना पांच लाख रुपये तक की इनकम हो सकती है. क्योंकि मछली पालन बेहद ही मुनाफा पहुंचने वाला बिजनेस है. यही वजह है कि सरकार भी मछली पालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. सरकार मछली पालकों को मछली पालने के लिए 60 फीसदी तक सब्सिडी देती है. ग्रामीण इलाकों में मछली पालन करने वालों को सरकारी मदद दी जा रही है. ताकि किसान मछली पालन करके अपनी इनकम को दोगुनी कर सकें और कृषि के अलावा उनके पास आय हासिल करने का एक और जरिया बन जाए. इसे किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है.

यहां एक ओर मछली पालन करके अच्छी खासी कमाई की जा सकती है तो वहीं मछली पालन के साथ-साथ आप बत्तख और मुर्गी भी पाल सकते हैं. ऐसा करने से कई तरह के खर्चे को कम कर सकते हैं. मछली पालन के साथ बत्तख और मुर्गी पालने से मछली पालन में और फायदा बढ़ जाता है. अगर आप मछली पालन कर रहे हैं तो बत्तख और मुर्गी को भी साथ-साथ पाल सकते हैं. आईए जानते हैं इसके क्या-क्या फायदे हैं.

मछली के साथ बत्तख पालने का फायदा
फिश एक्सपर्ट का कहना है की मछली पालन के साथ बत्तख पालन करके एक साल में चार हजार किलोग्राम तक मछली का उत्पादन किया जा सकता है. बत्तख पालन का फायदा यह होता है कि बत्तखें कीट-पतंग, पौधों और मेंढक के बच्चों को खा जाती हैं. इससे तालाब साफ हो जाता है. मछलियों को नुकसान नहीं पहुंचता है क्योंकि कीट-पतंगे और मेंढक आदि मछली के फीड को खा जाते हैं. ऐसे में मछलियों को भरपूर आहार नहीं मिल पाता.

बढ़ जाता है ऑक्सीजन का स्तर
वहीं दूसरा एक फायदा यह भी है कि तालाब में बत्तख के तैरने से पानी में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है. जिससे मछलियों को सांस लेने में दिक्कत नहीं होती है. आमतौर पर ठंड के दौरान मछली के तालाब में आक्सीजन बढ़ाने के लिए एयरेटर का इस्तेमाल करना पड़ता है. वहीं दूसरे तरीकों का भी इस्तेमाल करना पड़ता है, लेकिन बत्तख पालन करने से ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ती है.

मछली और मुर्गी पालन के फायदे
मछली के साथ मुर्गी पालन करने से अंडे और मीट का ज्यादा से ज्यादा इनकम कमाई जा सकती है. मुर्गियों जिन फीड करती हैं, उससे तालाब की मछलियों को अतिरिक्त खाद की जरूरत नहीं पड़ती है. जबकि तालाब में खाद डालनी ही पड़ती है. मछली के साथ मुर्गी पालन एकीकृत कृषि प्रणाली में आता है. इससे मजदूरी और पैसों की दोनों की बचत होती है. इसलिए ये मछली पालन में और ज्यादा फायदा पहुंचाता है.

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