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Duck: बटखों की ये हैं टॉप नस्ल, जों बढ़ाएंगी इनकम

तालाब में तैरने के साथ ही बटख जमीन पर घूमती हैं, ऐसे में में ये तालाब के पानी के कीड़े मकोड़े और जमीन पर मिलने वाले कीड़े चट कर जाती हैं.
प्रतीकात्मक खबर।

नई दिल्ली. पोल्ट्री में अच्छी मुर्गियों की अहमियत होती है. ठीक वैसे ही बटख पालन में भी अच्छी नस्ल की बटखें मायने रखती हैं. बटख पानी और सूखी जमीन दोनों पर रहती हैं. इनको पालने के लिए आपको अधिक दाने की जरूरत नहीं होती है. बटख पालन में कुछ अच्छी नस्ल की बटख अंडे देने में आपकी कमाई को बढ़ा सकती हैं. अगर आप मछली पालन करते हैं तो बटख पालकर अपने बिजनेस को दो गुना मुनाफा दे सकते हैं. बटखें तालाब के पानी को साफ करती हैं, जिनसे मछलियों को भरपूर आक्सीजन मिलती है. वहीं अच्छी बटखें अंडे से आपकी इनकम बढ़ाती हैं.

बटख पालन में कुछ बटखें ऐसी हैं जो साल में करीब डेढ़ सौ से अधिक अंडे देती हैं. बटखों के अंडे मुर्गी के अंडों से महंगे बेचे जाते हैं. तालाब में तैरने के साथ ही बटख जमीन पर घूमती हैं, ऐसे में में ये तालाब के पानी के कीड़े मकोड़े और जमीन पर मिलने वाले कीड़े चट कर जाती हैं. आप इन अच्छी नस्लों को अपने पालन में शामिल कर सकते हैं.


ये हैं बटखों की अच्छी नस्लें: खाकी कैंपबेल बतख अंडा देने वाली बतख की सबसे महत्वपूर्ण नस्ल है. विदेश में जन्मी ये बतख अपने असाधारण अंडा उत्पादन के लिए फेमस है। इस नस्ल की बटख प्रति वर्ष करीब 300 अंडे तक दे सकती है, जो एक बतख के लिए बड़ी बात होती है. इस नस्ल की बटख सुंदर खाकी रंग का पंख होते है. ये बटख झुंड में रहती हैं.

सफेद कलगी: सफेद कलगी नस्ल की बटख अपने सिर के ऊपर विशिष्ट सफेद कलगी के लिए पहचानी जाती है, जो उन्हें अन्य बत्तखों की नस्लों से अलग करती है. ये बटख अच्छा अंडा उत्पादन करने वाली होती है. इस नस्ल की बटख हर साल करीब दो सौ से पौने तीन सौ अंडे तक दे सकती है. सफेद कलगी वाली ये बटखें शांत स्वभाव और मिलनसार की होती हैं. ये बाड़े में झुंडों में रहती हैं.

स्वीडिश: स्वीडिश बतख नस्ल की बटख स्वीडन से आती हैं, ये मध्यम आकार की बतख अंडे देने के लिए जानी जाती हैं. हर साल ये करीब ढाई सौ से तीन सौ अंडे देने की क्षमता रखती हैं. इस नस्ल की बटखों का रंग नीला या काला होता है और ये भी शांत और मिलनसार स्वभाव की होती है.

भारतीय धावक: भारतीय धावक नामक नस्ल की बटखें अनोखे रूप के लिए जानी जाती हैं. ये सीधे खड़े होने के लिए जानी जाती हैं. ये बटखें बहुत अंडे देती हैं. मुर्गियों के बराबर ये बटखें अंडे दे सकती हैं. करीब तीन सौ अंडे साल में देने में ये सक्षम होती हैं. भारतीय धावक बटख कई रंगों की होती है और पतली बनावट व सीधी चाल उन्हें अलग बनाती है.

वेल्श हार्लेक्विन: इस नस्ल की बटख खूबसूरत रंग के लिए प्रसिद्ध होती है, जिसमें सिल्वर और गोल्ड कलर शामिल है. ये देखने में बेहद खूबसूरत होती हैं. एक वेल्श हार्लेक्विन प्रति वर्ष लगभग ढाई सौ से अधिक अंडे दे सकती है.

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