Home मछली पालन Fish Farming: यहां उन वजहों को पढ़ें, जिससे कम हो जाती है मछलियों की ग्रोथ और प्रोडक्शन
मछली पालन

Fish Farming: यहां उन वजहों को पढ़ें, जिससे कम हो जाती है मछलियों की ग्रोथ और प्रोडक्शन

fish farming in pond
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली पालन के जरिए भी ग्रामीण इलाकों में किसान अपनी इनकम को बढ़ा सकते हैं. सरकार भी चाहती है कि मछली पालन को बढ़ावा मिले. क्योंकि देश ही नहीं विदेश में भी मछली की डिमांड बढ़ी है. इसका फायदा किसानों को मिल सकता है. यही वजह है कि एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली पालन बेहद ही फायदेमंद सौदा है. अगर एक एकड़ का तालाब बनाया जाए तो इसमें 20 से 25 टन मछलियों का प्रोडक्शन हो सकता है. जबकि इससे 5 से 6 लाख की कमाई की जा सकती है. हालांकि ये तभी संभव है कि जब मछली पालन से जुड़ी तमाम जानकारी मछली पालक के पास होगी.

क्योंकि मछली पालन में कई ऐसी वजहें, जिनके चलते मछली की ग्रोथ नहीं हो पाती है. वहीं मछलियों का प्रोडक्शन भी बेहद ही कम होता है. ऐसे में इन चीजों पर गौर करना बेहद ही अहम होता है, कि किस वजह से ग्रोथ कम हो रही है और किस वजह से प्रोडक्शन पर असर पड़ रहा है. अगर इन बातों पर ध्यान न दिया जाए तो इससे मछली पालक को फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ सकता है.

मिट्टी की जांच है जरूरी
मिट्टी में उपस्थित पोषण तत्व का तालाब की उत्पादकता पर बेहद ही असर पड़ता है. मिट्टी में मौजूद बैक्टीरिया तल में जमा कार्बनिक पदार्थों के तोड़ने में मददगार होते हैं. मछली पालन के लिए चिकनी या दोमट मिट्टी अच्छी होती है. मछली पालन के लिए मिट्टी ऐसी होनी चाहिए कि तालाब में पानी ज्यादा समय तक ठहरे.

तापमान
मैदानी क्षेत्रों में पानी का तापमान मछली पालन के लिए 20°C- 35°C अच्छा माना जाता है. ज्यादा तापमान से तालाब में मेटावोलाइट्स (उपायचयी पदार्थ) अधिक हो जाती है. वहीं कम तापमान से मछली की ग्रोथ पर बेहद ही खराब असर पड़ता है.

रंग
तालाब के पानी का रंग प्लैंकटन के डें​​सिटी को दिखाता है. हरा एवं भूरा पानी का रंग बेहतर होता है. पानी यदि रंगहीन दिखाई दे तो इसका मतलब यह हुआ कि तालाब में प्लैंकटन की मात्रा बेहद ही कम है और अगर पानी गहरे हरा रंग का दिखाई दे तो यह तालाब में अलगल ब्लूम को दिखाता है.

पारदर्शिता
तालाब के पानी की पारदर्शिता 20 सेंटीमीटर से कम हो तो तालाब में पोषक तत्वों को ठीक माना जाता है. इसके खिलाफ अगर पारदर्शिता 35-40 सेंटीमीटर से अधिक है तो यह पानी की उत्पादकता में आयी कमी दिखाता है.

गंदगी
गंदगी यानि टर्बिडिटी. पानी की गंदगी 30 पीपीएम. से कम होनी चाहिए. इससे अधिक गंदगी मछलियों के गलफड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

meat consumption by country
मछली पालन

World Fisheries Day: मछली खाने के हैं कई फायदे, ​इन बीमारियों का भी खतरा हो जाता है कम

मछली हृदय रोगों को रोकने और लड़ने के लिए पोषण देती है....

fish farming
मछली पालन

Fish Farming: ठंड से मछलियों को बचाने के लिए क्या करना चाहिए, इन 8 टिप्स को पढ़कर जानें

टेंपरेचर मेंटेन रहे. एक्सपर्ट कहते हैं अगर पानी का टेंपरेचर नियंत्रित रहता...

fish farming, Fish Farming, Fish Rate, Fish Production, Fish Pond, Fish Species, Fish Center, CMFRI, Tundla News,
मछली पालन

Fish: इन मछलियों को पालें, तेजी से होती है ग्रोथ, ज्यादा होता है मुनाफा

जबकि बहुत सी मछलियां न ज्यादा ठंडे और न ही ज्यादा गर्म...