नई दिल्ली. राजस्थान में जैसलमेर के सीमावर्ती क्षेत्र में ओरण, चारागाहों की जमीनों को राजस्थान सरकार सोलर विंड कंपनियों को आवंटित करने में लगी हैं, जिसका विरोध जैसलमेन, बीकानेर, बाड़मेर आदि जिलों के लोग कर रहे हैं. हाईटेंशन लाइनों से टकराकर हर रोज पक्षी मर रहे हैं तो सोलर विंड से भी पक्षी टकराकर हर रोज उनकी जीवन लीला समाप्त हो रही है. लगातार ले रही पक्षियों की जान की वजह से इस हाइटेशन लाइन को लोगों ने ‘शिकारी तार’ तक कहना शुरू कर दिया है. अभी ये समस्या दूर नहीं हुई कि नगर परिषद जैसलमेर द्वारा ठोस कचरा संग्रहण केंद्र (डपिंग यार्ड) मुसीबत बन गया है. इस कारण बरमसर और बड़ाबाग गांव के ग्रामवासी पिछले लंबे समय से प्रदूषण में जीवन व्यतीत करने के लिए विवश हैं.लगातार हो रहा विरोध अब चुनावी मुद्दे में बदल गया है. इन जिलों के लोगों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी तक दे डाली है कि जब तक हमारी समस्या का समाधान नहीं कराया जाता जब तक विरोध जारी रहेगा और इस लोकसभा चुनाव-2024 का बहिष्कार किया जाएगा. बता दें कि जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताया गया कि गांव बडाबाग और बरमसर जिला जैसलमेर में कचरा संग्रहण केन्द्र में लाये जाने वाले कचरे को खाकर गांव के दुधारू पशुओं की लगातार मौत हो रही है.
जैसलमेर में ओरण ही नहीं नगर परिषद द्वारा बनाए गए ठोस कचरा संग्रहण केन्द्र (डपिंग यार्ड) भी पशुओं के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. इस कारण बरमसर और बड़ाबाग गांव के पशु-पक्षी और लोग भी लंबे समय से प्रदूषण में अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं. इस प्रदूषण से ग्रामीण और पशु बीमार हो रहे हैं. लगातार हो रही समस्या के बाद ग्रामीणों का धैर्य जवाब देने लगा हैं, जिस कारण आगामी लोक सभा चुनाव से पहले यदि प्रशासन ने इस समस्या के निराकरण की कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई तो ग्रामीण आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. इसी के चलते ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इस समस्या से रूबरू करवाया.
ग्रामीण और पशुओं की जान जोखिम में
लोगों ने कहा कि इस गंदगी और प्रदूषण से पशु भी बीमार हो रहे हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा तो पशुओं के मरने की मृत्यु भी हो सकती है. लोगों ने कहा कि नगर परिषद जैसलमेर द्वारा शहरी क्षेत्र में पकड़े जाने वाले आवारा पशओं (कुते सुअर आदी) को यहां लाकर छोड़ा जाता है जिससे सामान्य समय में भी कचरा संग्रहण केन्द्र की ओर जाने वाले ग्रामीणों को जान जोखिम का खतरा भी रहता है. ग्रामीणों ने कहा कि जहां इस समय पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है और जैसलमेर शहर में सफाई करके कचरा हमारे गांव में डाला जा जा रहा है.
पशुओं के मरने से उठाना पड़ रहा आर्थिक जोखिम
जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताया गया कि गांव बडाबाग और बरमसर जिला जैसलमेर में कचरा संग्रहण केन्द्र में लाये जाने वाले कचरे को खाकर गांव के दुधारू पशुओं की लगातार मौत हो रही है, जिससे उन्हें आर्थिक जोखिम उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा इस गांव के अधिकतम ग्रामीणों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है, लेकिन कचरे से हवा में उड़ने वाली पॉलिथिन के खेतों में जमां होने से जमीन की उर्वरक शक्ति भी खत्म हो रही है. कचरे से अनेक प्रकार कीट पैदा हो रहे है जो फसलों का चट कर जाते हैं. गांव के पास स्थित डंपिंग यार्ड में कचरा संग्रहण केन्द्र में समय समय पर कचरे को कम करने के लिए आग लगाकर जलाया जाता है, उस धुंए के कारण गांव में सांस की बीमारी के मरीज भी बढ़ रहे हैं. गांव की आबादी (जनसंख्या लगभग 3000) से मात्र 300 मीटर की दूरी पर कचरा संग्रहण केन्द्र की स्थापना की गई है जो मानव और पशुओं के साथ घोर अन्याय है, जो दोनों के जीवन से खिलवाड़ करने जैसा हैं.
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