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Poultry: पंजाब वाईट बटेर को पालकर की जा सकती है कमाई, बहुत अच्छा होता है इसका मीट

Punjab White Quail
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पोल्ट्री व्यवसाय भी फायदेमंद होता है. इसमें हाथ आजमा कर लाखों की कमाई की जा सकती है. यदि पोल्ट्री सेक्टर में कदम रखना चाह रहें हैं तो पंजाब वाईट बटेर नस्ल को पाल सकते हैं. इस नस्ल को पालकर अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है. क्योंकि 5 सप्ताह के अंदर ही इसका वजन करीब 225 ग्राम तक हो जाता है और इसके अंडे 12 ग्राम तक के होते हैं. पंजाब वाईट बटेर का पालन करके अंडे और मांस दोनों तरह से कमाई की जा सकती है. क्योंकि इसके मांस की डिमांड भी ज्यादा रहती है.

टीकाकरण की भी नहीं होती है जरूरत
पंजाब वाईट बटेर सफेद रंग की होती है. इसके पंख सफेद रंग के होते हैं. इस वर्ल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत तैयार किया गया था. इस बटेर को व्यापारिक स्तर पर तैयार किया गया है. या नस्ल 5 सप्ताह के अंदर अंदर 225 ग्राम वजन हासिल कर लेती है. इसके एंड 12 ग्राम तक के होते हैं. जिसे मुख्यतः आचार बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है. इस नस्ल के मीट का स्वाद बहुत ही बेहतर माना जाता है और कई बीमारियों के उपचार के लिए फायदेमंद भी बताया जाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि इस नस्ल के मीट में उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और विटामिन बी 12 होता है. इसके मीट में बीमारियों के प्रतिरोध है और इस से टीकाकरण की जरूरत नहीं होती है.

फीड कितना देना चाहिए
इस नस्ल की अच्छी देखभाल करने के लिए जीरो से 10 सप्ताह के चिक्स के आहार में 10 से 20ः प्रोटीन देना चाहिए. मीट पक्षियों जैसे तीतर, बटेर के लिए 22 से 24 ग्राम प्रतिशत प्रोटीन की आवश्यकता होती है. प्रोटीन की उच्च मात्रा से मुर्गी के बच्चों को वृद्धि करने में मदद मिलती है. उनके आहार में लगभग 15 से 16 प्रतिशत प्रोटीन होना जरूरी है और लेयर्स के लिए उनके आहार में 16ः प्रोटीन की मात्रा दी जाती है. इनके चिक्स के पानी के अंदर 1.4 कप चीनी और 1 चम्मच टैरामाइसिन, गैलोन शामिल होना चाहिए.

ऐसा होना चाहिए शेल्टर
एक्सपर्ट कहते हैं कि मुर्गी पालने के लिए उपयुक्त जमीन का चयन किया जाना बहुत जरूरी होता है. जहां पर ज्यादा से ज्यादा बच्चे और अंडे विकसित हो सकें. शेल्टर सड़क से कुछ ऊंचाई पर रखने की बात कही जाती है. ताकि बारिश का पानी आसानी से बाहर निकल जाए. इससे उनका बाड़ भी बचा रहे. शेल्टर में ताजा पानी का भवन भी होना चाहिए. 24 घंटे बिजली की आपूर्ति होनी चाहिए. मुर्गियों का आश्रय औद्योगिक और शहरी क्षेत्र दूर रखना चाहिए. क्योंकि इससे मुर्गियों की खाद वातावरण में प्रदूषित होगी और मक्खियों की भी समस्या होंगी. ऐसा आश्चर्य चुने जो शोर रहित हों शोर की समस्या से पक्षियों के उत्पादन प्रभाव डालती है. फैक्ट्री का धुआं भी बच्चों को प्रभाव डालता है.

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