नई दिल्ली. अंडा प्रोटीन का सबसे सस्ता और अच्छा सोर्स है, यही वजह है कि बिहार सरकार ने बच्चों के पोषण का ख्याल रखते हुए मिड डे मील में अंडा रखा था लेकिन इसी साल मार्च में बच्चों के दोपहर के भोजन से अंडा हटा लिया गया था. दरअसल, राज्य में बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया था लेकिन एक बार फिर से अंडा मिड डे मील में शामिल करने का निर्देश सरकार की ओर से दिया गया है. यानि अब बच्चों को मौसमी फल की जगह दोपहर में अंडा मिलेगा.
सरकार की ओर से बताया गया कि पूर्व में केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय से प्राप्त एडवाइजरी के मुताबिक राज्य में बर्ड फ्लू के प्रकोप के कारण तत्काल प्रभाव से मिड डे मील में शुक्रवार के मेन्यू से अंडा हटाकर उसके स्थान पर मौसमी फल सेब या या केला दिये जाने का निदेश दिया गया था. ताकि बच्चों को किसी भी खतरे से बचाया जा सके. हालांकि अभी अपर निदेशक, (पशु उत्पाद), पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार के द्वारा यह कहा गया है कि अंडे को अच्छी तरह से साफ कर पूरी तरह से पका कर खाना पूरी तरह से सेफ है.
इसलिए अंडा परोसने का दिया निर्देश
सरकार ने बताया कि विभाग की ओर से जब ये कहा गया है कि सामान्यत कोई भी जीवाणु एवं विषाणु खाना बनाने वाले तापमाप (70°C) पर आसानी से नष्ट भी हो जाता है तो फिर से मीड डे मील में शुक्रवार को अंडा परोसने का निर्देश जारी किया गया है. अब पहले की तरह ही शुक्रवार के मेन्यू में बच्चों को अंडा उपलब्ध कराया जाएगा. सरकार की ओर से कहा गया है कि अंडा बच्चों के विकास के लिए जरूरी है. अंडे से बच्चों को प्रोटीन मिलता है. इसलिए ही बिहार सरकार ने इसे मिड डे मील में शामिल करने का फैसला लिया था.
100 फीसद सुरक्षित है अंडा
गौरतलब है कि जब कभी भी बर्ड फ्लू जैसी बीमारी का असर दुनिया में कहीं भी दिखता है तो भारत में अंडे और चिकन को लेकर झूठी अफवाहें सोशल मीडिया पर तैरने लगती हैं. बेहद फायदेमंद इन दोनों पोल्ट्री प्रोडक्ट को लेकर लोगों में डर का माहौल बना दिया जाता है, कि इसके सेवन से बीमार हो सकते हैं. जबकि अच्छी तरह से पका हुआ अंडा और चिकन 100 फीसदी तक सुरक्षित है. बल्कि ये बेहद ही पौष्टिक और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता भी है. इसलिए आप चाहें तो इस बिल्कुल बेफिक्र होकर खा सकते हैं.
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