नई दिल्ली. झारखंड सरकार की ओर से शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए और किसानों की आय को बढ़ाने के मकसद से झारखंड में मीठी क्रांति योजना की शुरुआत की गई थी. झारखंड में उत्पादन के लिए अनुकूल परिस्थितियों हैं. यही वजह है कि सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना को लागू करने के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था. योजना के जरिए मधुमक्खी पालन करने के लिए किसानों का आर्थिक सहायता के साथ-साथ प्रशिक्षण देने की भी बात कही गई है.
इसके लिए सरकार की तरफ से अनुदान भी मिलता है. बता दें कि झारखंड में बड़े पैमाने पर फूल पौधे के साथ-साथ करंज के पेड़ भी मिलते हैं. जिस वजह से यहां पर शहद का अच्छा खासा उत्पादन हो सकता है. सरकार की मंशा है कि इस परिस्थिति का फायदा उठाकर किसने की आय को दोगुना कर दिया जाए. यही वजह है कि सरकार इस योजना को चल रही है.
हो सकती है अच्छी कमाई
मीठी क्रांति योजना के जरिए किसानों को 100000 तक की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है. इसमें राज्य सरकार द्वारा 80 हजार रुपये तक का अनुदान दिया जाता है. वहीं 20000 की राशि किसान को खुद ही निवेश करनी होती है. मीठी क्रांति योजना के जरिए राज्य के किस सालाना 100000 तक की कमाई कर सकते हैं. बता दें कि सरकार राज्य में शहद उत्पादन बढ़ावा देने के लिए 2020 से 2023 तक मधुमक्खी पालन और शहद मिशन की शुरुआत की थी. इस योजना का फायदा उठाकर किसान मधुमक्खी पालन कर सकते हैं.
आत्मनिर्भर बनाने के लिए हुई शुरुआत
वही योजना को लागू करने के वक्त कहा गया था कि राज्य में किसानों द्वारा हासिल शहद को बेचने की जिम्मेदारी सरकार की होगी. योजना के तहत वो लोग पात्र होंगे जो बेरोजगार हैं. जिनके पास आय का जरिया नहीं है. भारत के आत्मनिर्भर मिशन को बढ़ावा देने की योजना को लागू किया गया था. योजना की मदद के राज्य सरकार सभी मधुमक्खी पालन के संबंध रखने वाले किसानों को सरकार मीठी क्रांति लक्ष्य को पूरा करने के लिए वैज्ञानिक आधार पर राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के माध्यम से लागू करने के बात का रही थी.
हजारों किसानों को होगा फायदा
मधुमक्खी पालन के जरिए सरकार 12000 से अधिक किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा था. वहीं इस योजना से जुड़कर किसान सभी कृषि और गैर कृषि परिवार आमदनी का स्रोत बन सकते हैं. इसके विकास में राज्य में बागवानी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. योजना की मदद सरकार राज्य में न्यूक्लियस स्टाफ एवं ब्रीडर्स जैसे केंद्रों को स्थापित करने की बात कही है.
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