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Fisheries: गर्मी में इस समय मछलियां नहीं खाती हैं फीड तो क्या करें जानें यहां

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मछली का तालाब.

नई दिल्ली. गर्मी के मौसम में मछलियों का ख्याल अच्छे ढंग से रखना पड़ता है. इसके लिए जरूरी है कि उन्हें समय पर और अच्छा खाना दिया जाए. अगर समय पर मछलियों को अच्छा खाना नहीं मिलेगा तो इससे उनकी ग्रोथ धीमी पड़ सकती है. गर्मियों में दोपहर की तेज धूप में मछलियों खाना नहीं खाती हैं. इसलिए चारा देने का सही समय सुबह 8 से 10 बजे तक तय करना चाहिए. वहीं शाम में 5 बजे से 7 बजे के बीच मछलियों को पोषक तत्वों से भरपूर चारा देना चाहिए. तब इससे फायदा ज्यादा होगा.

मछलियों को चारे तौर पर चावल की भूसी दी जा सकती है. वहीं मक्की का दर्रा और सरसों की खली मिलकर दे सकते हैं. इससे मछलियों को तमाम जरूरी पोषक तत्व मिल जाएंगे और उनकी ग्रोथ अच्छी होगी. अगर आप सरसों की खली, राइस ब्रांड, गुड़ और मिनरल मिक्सचर को मिलकर लड्डू बनाकर तालाब के 10 अलग-अलग जगह पर डालते हैं तो रोहू और इससे मिलती-जुतली कार्प मछलियों की तेजी से ग्रोथ करती हैं. चारा सही से मिलेगा तो मछलियां भी स्वस्थ रहेंगी और इसे आपको कमाई भी अच्छी होगी.

प्लैंक्टन के लिए क्या करें
इस बात को गांठ बना कर रख लें कि मछलियों की अच्छी ग्रोथ के लिए प्लैंक्टन बेहद ही जरूरी होता है. ये छोटे-छोटे जीव होते हैं, जो मछलियों का नेचुरल खाना है. तालाब में प्लैंक्टन बढ़ाने के लिए थोड़ा सा गोबर या खाद डाली जाती है, लेकिन ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. क्योंकि इससे पानी गंदा हो सकता है और ऑक्सीजन की कमी पानी के अंदर हो सकती है. सही मात्रा में अगर गोबर को डालेंगे तो इससे प्लैंक्टन भरपूर मात्रा में तालाब के पानी में रहेंगे. मछलियां इसे मजे से खाएंगी और उनकी ग्रोथ तेजी के साथ होगी.

देसी तरीके को अपनाएं मछली पालक
अगर आप प्लैंक्टन बनाने का देसी तरीका अपनाना चाहते हैं तो गोबर, यूरिया, डीएपी, एसपी पाउडर, सरसों की खली और चूना मिलाकर तालाब में डाल दें. इससे तालाब में बड़े-बड़े प्लैंक्टन बनेंगे और फिर से तालाब का रंग हल्का भूरा हो जाएगा जो खास करके मछलियों के शानदार विकास में मदद करेगा. गर्मी का समय गोबर डालने के लिए सबसे सही समय होता है. क्योंकि ठंड में इसका इस्तेमाल करने से तालाब में अमोनिया बनने लगती है. जिससे मछलियों की मौत हो जाती है. इसलिए सही समय पर गोबर डाला जाना चाहिए. तभी फायदा मिलता है. मछलियों की ग्रोथ होगी तो उत्पादन भी ज्यादा मिलेगा.

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