नई दिल्ली. मछली पालन का काम आपको लखपति बन सकता है. क्योंकि यह आजीविका चलाने का एक बेहतरीन जरिया है. अगर आप मछली पालन करते हैं तो सालाना 5 से 6 लाख रुपए आसानी के साथ कमा सकते हैं. मछली पालन में सबसे अहम और जरूरी इसका चयन है. आप ऐसी मछली को पालें, जिससे ज्यादा फायदा हो. अगर आपके इलाके में मीठा पानी है तो मीठे पानी वाली मछलियों से मछली पालन का काम शुरू करना चाहिए. अगर पानी खारा है तो ऐसी मछलियों को पालना चाहिए जो इस तरह के पानी में आसानी से ग्रोथ कर जाती हों, तभी फायदा अच्छा होगा.
कुल मिलाकर कहा जाए तो मछली पालन का काम शुरू करने से पहले इसकी मुकम्मल ट्रेनिंग ले लेनी चाहिए. या पहले से मछली पालन करने वाले लोगों के संपर्क से जानकारियां करनी चाहिए ताकि मछली पालन करने में कोई अड़चन नहीं उठाना पड़े. इस आर्टिकल में हम आपको मीठे पानी की कतला मछली के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो बड़ी ही लोकप्रिय मछली है और प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर है. इसको पालने से आपको ज्यादा फायदा मिलेगा.
कतला मछली की खासियत यहां पढ़ें
कतला मछली के बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि यह स्वादिष्ट पौष्टिक मीठे पानी की मछली है. जो अपनी जल्दी वृद्धि के लिए जानी जाती है. इसके अंदर कुछ प्रोटीन सामग्री होती है. इस वजह से इसे लोग को पसंद करते हैं. ये ज्यादातर भारत और बांग्लादेश की नदियों और झीलों में पाई जाती है. कतला मछली को साफ और गहरे पानी के टैंकों और तालाबों में आसानी के साथ पाला जा सकता है और इसकी वृद्धि धान के खेतों में भी अच्छी तरह से हो जाती है. कतला मछली का स्वाद बहुत स्वादिष्ट होता है और इसे कई तरह से पकाया जा सकता है. अगर कत्ला मछली से करी और फ्राई के अलावा कई और डिश इससे बना सकते हैं. कतला मछली में कैलोरी कम होती है और इसे खाने में वजन नहीं बढ़ता है. इसलिए वजन घटाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
अच्छी मिलती है इसकी कितनी
अगर आप कतला मछली को तालाब में पालते हैं तो 150 से 200 रुपए किलो में इसे आसानी से बेच सकते हैं कई बार कत्ला मछलियों की कीमत 270 से रुपए तक मिलती है. फिश एक्सपर्ट का कहना है कि मीठे पानी की मछलियों में रोहू और कत्ला दोनों ही मछलियां पसंद की जाती है लेकिन रोहू के मुकाबले कत्ला थोड़ा बेहतर मछली है. क्योंकि यह अपनी मजबूत बनावट, उच्च प्रोटीन क्षमता के लिए बेहतर मानी जाती है. आपको बता दें कि ये पानी के ऊपरी सतह भोजन तलाशती है. इसके विकास के लिए तालाब किनारे की वनस्पति बहुत उपयोगी होती है. या मॉनसून के मौसम में एक बार अंडे देती है. अपने शरीर के प्रति किलो वजन के अनुसार जीरो से 80 और 1.20 लाख अंडे देती है.
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