नई दिल्ली. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए देशभर में केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चलाई जा रही है. इसके तहत करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, ताकि मछली पालन को बढ़ावा मिल सके और किसानों की आमदनी को दोगुना किया जा सके. वहीं बिहार में भी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से भी कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं. इन योजनाओं का फायदा उठाकर आप हजारों और लाखों रुपए कमा सकते हैं. सबसे अच्छी बात है कि आपका एक बिजनेस खड़ा हो जाएगा.
बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही है तमाम योजनाओं में एक के बारे में हम यहां आपको जानकारी देने जा रहे हैं. इस योजना का नाम “तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना” है, आइए इसके बारे में डिटेल से जानते हैं.
यहां पढ़ें अहम जानकारियां
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए “तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना” के तहत आवेदन आमंत्रित किए गए हैं.
सरकार ने आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त निर्धारित की है. बता दें कि यह योजना, बिहार के सभी जिलों में लागू की जाएगी.
एक व्यक्ति या परिवार को योजना के तहत अधिकतम एक एकड़ जलक्षेत्र तथा न्यून्तम 0.4 एकड़ जलक्षेत्र के तालाब निर्माण पर पैकेज इकाई का लाभ अनुमान्य होगा.
योजना का उद्देश्य
राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग के मत्स्य कृषकों को विशेष सहायता के तहत रियरिंग तालाब निर्माण किया जाएगा. वहीं बोरिंग पम्पसेट या सबमर्सिबल लगाया जाएगा.
मछली इनपुट के तौर पर शेड का निर्माण कराया जाएगा. यांत्रिक एरेटर आदि सम्बद्ध सहायक इकाईयों का एक “पैकेज सहायता” प्रदान किया जाना है.
योजना के तहत रियरिंग तालाब निर्माण एवं संबद्ध इकाईयों के अधिष्ठापन पर अधिकतम 10.10 लाख प्रति एकड़ जलक्षेत्र (इकाई लागत) मिलेगा.
योजना के तहत निर्धारित इकाई लागत पर 70 प्रतिशत राशि अनुदान (सब्सिडी) के रूप में देय है, शेष राशि लाभार्थी द्वारा स्वलागत अथवा बैंक ऋण से किया जाएगा.
आवेदन https://fisheries.bihar.gov.in/ पर ऑनलाइन प्राप्त किए जाएंगे.
ऐसे होगा आपका योजना के लिए चयन
तालाब के निजी स्वामित्व हेतु भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र अपडेट मालगुजारी रसीद, लीज के भूमि में लीज का निबंधित एकरारनामा, नन-जूडिशीयल स्टांप (1000/-रुपये) पर एकरारनामा (न्यूनतम 09 वर्ष का) आवेदन के साथ संलग्न करना जरूरी होगा.
नन-ज्यूडिशियल स्टांप पर एकरारनामा के मामले में भू-स्वामी / स्वामियों से भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र/रसीद आवेदन के साथ संलग्न करना आवश्यक होगा.
लाभार्थीयों के द्वारा मोबाईल नंबर और बैंक शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड अंकित किया जाएगा. जाति प्रमाण पत्र, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, आधार कार्ड नंंबर की अभिप्रमाणित प्रति अटैच करनी होगी.
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