Home मछली पालन PMMSY के तहत हुए इस काम से 10 लाख मछुआरों को हुआ है फायदा
मछली पालनसरकारी स्की‍म

PMMSY के तहत हुए इस काम से 10 लाख मछुआरों को हुआ है फायदा

Fisheries, Fish Rate, Government of India, Live Stock Animal News, Boat
मछली पकड़ते मछुआरे (फोटो CMFRI)

नई दिल्ली. मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार इकोलॉजिकल तौर से हैल्दी, आर्थिक रूप से अमल में लाने वाले और सामाजिक रूप से समावेशी फिशरीज सेक्टर के मद्देनजर एक प्रमुख योजना “प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई)” को लागू किया है. जो मछुआरों की आर्थिक मजबूती और कल्याण में एक लगातार और जिम्मेदार तरीके से योगदान देती है. पीएमएमएसवाई के अंतर्गत, फिश स्टॉक को बढ़ाने और मछुआरों की आजीविका में सहायता देने के लिए भारत के पूरे समुद्र तट पर पहली बार सरकार द्वारा सी रेंचिंग और आर्टीफीशियल रीफ्स की स्थापना जैसी गतिविधियों के लिए सहायता प्रदान कि जा रही है.

बता दें कि इसके अलावा, सी वीड कल्टिवेशन, ओपेन सी केज कल्चर, बाइवाल्व कल्चर और ओरनामेनटल फिशरीज जैसी गतिविधियों को भी पीएमएमएसवाई के तहत बढ़ावा दिया जाता है ताकि निकटवर्ती जल (नियरशोर वॉटर) में मत्स्यन दबाव को कम किया जा सके और समुद्री उत्पादन को बढ़ाया जा सके. जुवेनाइल फिशिंग को रोकने और सस्टेनेबल फिशिंग प्रेक्टीसेस को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह भी जारी की जाती है.

50 फिश लैंडिंग सेंटर के लिए मंजूर हुए करोड़ों रुपए
गौरतलब है कि पीएमएमएसवाई सहित सरकारी योजनाओं का उद्देश्य विकास और आधुनिकीकरण के माध्यम से पोस्ट-हारवेस्ट नुकसान को कम करना है. वहीं फिशरीज पोस्ट-इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना, वैल्यू चैन और मार्केटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना, जिसमें फिशिंग हारबर/फिश लैंडिंग सेंटर का निर्माण आधुनिकीकरण और उन्नयन, मार्केट्स और मार्केटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना, ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज सुविधाओं की कोल्ड-चेन प्रदान करना शामिल है. गत 10 वर्षों के दौरान, भारत सरकार ने लगभग 48 हजार फिशिंग वेसेल्स की सुरक्षित लैंडिंग और बर्थिंग के लिए कुल 9,735.89 करोड़ रुपए की लागत से 67 फिशिंग हारबर और 50 फिश लैंडिंग सेंटर के निर्माण/आधुनिकीकरण की परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिससे 9 लाख मछुआरों और संबंधित हितधारकों को लाभ हुआ है.

स्मार्ट फिश मार्केट बनाए जा रहे हैं
इसके अलावा, भारत सरकार ने रियायती मदद करने के लिए 2018-19 में 7522.48 करोड़ रुपए के कोष के साथ ‘फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड’ (एफआईडीएफ) नामक एक समर्पित कोष भी बनाया है. भारत सरकार ने प्रोसेसिंग सुविधाओं सहित ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में सुधार के लिए भी सहायता की है. इसमें 27 हजार 189 फिश ट्रांसपोर्टेशन सुविधाएं, 6,916 फिश रीटेल मार्केट्स, होलसेल मार्केट्स और फिश कियोस्क, 11 एकीकृत एक्वापार्क, 1,725 ​​फिश फ़ीड मिल/प्लांट और आइस प्लांट/कोल्ड स्टोरेज और 128 वैल्यू ऐडीड एंटरप्राइज़ इकाइयां शामिल हैं। IoT (इंटेरनेट ऑफ थिंग्स), ई-ट्रेडिंग, ग्रीन टेक्नोलोजी, लॉजिस्टिक सप्लाइ चैन इंटिग्रेशन आदि जैसी सुविधाओं के साथ तीन आधुनिक और स्मार्ट फिश बाजार विकसित किए जा रहे हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

मछली में कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो पूरे मछली के बिजनेस को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
मछली पालन

Fish Farming: मीठे पानी की इस मछली से आप बन सकते हैं लखपति, यहां पढ़ें इसकी डिटेल

कतला मछली के बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि यह स्वादिष्ट...

fish farming
सरकारी स्की‍म

Scheme: चौर विकास योजना के तहत हुआ 29 हेक्टेयर तालाब का निर्माण, यहां पढ़ें स्कीम के फायदे

42 हेक्टेयर में कार्य प्रगति पर है. उन्होंने बताया कि प्रति हेक्टेयर...