नई दिल्ली. मछली पालन में ज्यादा कमाई करना चाहते हैं तो कई बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है. जिसमें से एक मछलियों को कराई जाने वाली फीडिंग का तरीका है. फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि वैसे तो मछली पालन एक बेहतरीन काम है और इसे करके अच्छी कमाई की जा सकती है लेकिन अगर फीडिंग कराने में सही तरीके का इस्तेमाल नहीं किया जाए तो फिर इससे मछलियों की ग्रोथ रुक जाती है. मछलियों को किस तरह फीडिंग कराना चाहिए, उसका भी अपना तरीका है. मछली पालकों को अगर ये नहीं मालूम है तो मछली पालन में फायदे की जगह नुकसान हो सकता है और ये नुकसान मछलियों की ग्रोथ न होने और उत्पादन कम होने से होगा.
फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली पालन में नुकसान होने की सबसे बड़ी वजह ज्यादा फीड डालना होता है. मान लीजिए किसी तालाब अपने पांच हजार मछली के बच्चे डालें हैं तो उतने ही मछलियों को मानकर फीड नहीं डालना चाहिए. बहुत से मछली किसान ये करते हैं कि जितनी मछलियां होती हैं उतना ही फीड डाल देते हें. इससे नुकसान होता है. फीड डालते वक्त इसमें 15 फीसदी की कटौती करना चाहिए. ताकि तालाब में प्रदूषण भी न हो और मछलियों को जरूरी फीड मिल जाए.
मछलियों को फीड खिलाने में इन बातों का दें ध्यान
मछलियों को हर दिन यानी रोजाना खाना खिलाना चाहिए. फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि मछलियों को प्रजाति और आकर के हिसाब से फीडिंग कराना चाहिए और फीड की मात्रा तय की जानी चाहिए. फिश एक्सपर्ट के मुताबिक मछली की वृद्धि के मुताबिक हर हफ्ते फीड की मात्रा बढ़ा सकते हैं. मछलियों को ज्यादा या कम फीड नहीं देना चाहिए. जितनी जरूरत है, उतना ही फीड देना चाहिए. ज्यादा फीड देने से तालाब में प्रदूषण होता है और कम फीड देने से मछलियों की ग्रोथ रुक जाती है. इसलिए एक्सपर्ट की सलाह पर मछलियों को फीड देना चाहिए.
मछलियों को पसंदीदा फीड खिलाएं
मछलियों को जब तनाव हो तो उन्हें फीड नहीं देना चाहिए. पानी का तापमान ठंडा होने पर फीड कम देना चाहिए. मछलियों को दिन में दो या तीन बार फीड खिलाना चाहिए. फीड जरूरत से ज्यादा महीन नहीं होना चाहिए. फीड में पोषक तत्वों की मात्रा उचित अनुपात में रखनी चाहिए. जो फीड मछलियों को पसंद हो वही खिलाना चाहिए. ताकि इसे वो इसे चाव के साथ खाएं और उनकी ग्रोथ तेजी के साथ हो. मछलियों को ऐसी फीड देना चाहिए जो आसानी से पच जाए.
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