नई दिल्ली. मत्स्य आहार प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है. मछली के उचित विकास और ग्रोथ के लिए उसे संतुलित आहार दिया जाना बेहद ही जरूरी होता है. प्राकृतिक वातावरण में पालन की गयी मछली पोषक तत्वों के लिए तालाब में उपलब्ध प्राकृतिक आहार जैसे-प्लवक तथा उसको दिए गए आहार पर निर्भर करती है. मछली, जो आहार ग्रहण करती है उसका प्रभाव उसके स्वास्थ्य और ग्रोथ पर पड़ता है. आहार में यदि महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी होती है. तो मछली जीवित रहने, ग्रोथ हासिल करने व प्रजनन करने में सक्षम नहीं होती है.
मत्स्य पालन में आहार का आर्थिक महत्व भी होता है और पालन लागत में इसकी लगभग 50 प्रतिशत से अधिक भागीदारी होती है. इसलिए उचित मत्स्य आहार प्रबंधन के अभाव में मछली पालकों को नुकसान होता है.
विशेष आहार का होता है फायदा: ताजा और फ्रोजन मछली आहार पौष्टिक गुणों का अच्छा स्रोत होता है. विशेष आहार आवश्यकताओं वाली मछलियों के लिये ताजा मत्स्य आहार फायदेमंद होता है. मछली को प्रजनन के लिए तैयार करने के लिए ताजा मत्स्य आहार में उपलब्ध प्रोटीन फायदेमंद होता है. मांसहारी महलियों को विभिन्न प्रकार का मांस फूड में खिलाया जा सकता है. मांस आहार में यह साल दी जाती है कि मछलियों को संक्रामक रोग से बचाने के लिए खिलाने से पहले मांस प्रोसेसिंग कर लेना चाहिए. अपचन समस्याओं को रोकने के लिए वसा रहित मांस अथवा बहुत कम मात्रा में महली को बिताना चाहिए.
मछली को खिला सकते हैं ये चीजें: आमतौर पर मछली को खिलाए जाने वाले मांस आहार जींगा, सीप, क्रीम, मसल्स, फेफड़ा, स्क्विड, चिकन, बीफ लीवर इत्यादि हैं. शाकाहारी मछलियों के लिए कई ताजी और फ्रोजन सब्जियां आहार स्वरूप उपयोग में दी जा सकती है. वनस्पति पदाथों में वसा और प्रोटीन की मात्रा कम होता है लेकिन आवश्यक कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और विटामिन उचित मात्रा में पाए जाते हैं. पछली को खिलाई जाने वाली सब्जियों में रोमेन लेट्यूस, पालक, गोभी, हरी मटर, ब्रोकोली, फूलगोभी चुकंदर और स्ट्रॉबेरी प्रमुख हैं.
मांसाहारी मछलियों को दें ये आहार: मछली को प्रजनन के लिए तैयार करने के लिए ताजा मत्स्य आहार में उपलब्ध प्रोटीन फायदेमंद होता है. मांसाहारी मछलियों को विभिन्न प्रकार का मांस आहार के तौर पर खिलाया जा सकता है. मांस आहार में यह सलाह दी जाती है कि मछली को संक्रामक रोग से बचाने के लिए खिलाने से पहले मांस प्रोसेसिंग को कर लेना चाहिए. पाचन समस्याओं को रोकने के लिए गैर फैट वाला मांस या बहुत कम मात्रा में मछली को खिलाना चाहिए.
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