नई दिल्ली. इनोवेटिव फिश फार्मर्स एसोसिएशन (आईएफएफए) ऑफ पंजाब (पंजीकृत) की मासिक बैठक श्री के मछली फार्म में आयोजित हुई. जहां 57 मछली किसानों ने बैठक में भाग लिया और इस दौरान आईएफएफए के समन्वयक डॉ. वनीत इंदर कौर ने मछली किसानों को जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा की आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए नवीन विचारों के साथ अपने ज्ञान के आधार को बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम प्रबंधन जलीय कृषि प्रथाओं और नई जलवायु स्मार्ट जलीय कृषि प्रौद्योगिकियों से अवगत कराया. वहीं इस बैठक में शामिल अन्य मेहमानों ने भी अपनी राय रखी और संस्थान द्वारा मछली किसानों और अन्य किसानों के संबंध में कार्य की सराहना भी की.
इन विषयों पर भी हुई चर्चा
बता दें कि बैठक नवदीप सिंह, जिला लुधियाना के गांव हयातपुर में, कॉलेज ऑफ फिशरीज (सीओएफ), गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना के तकनीकी मार्गदर्शन के तहत आयोजित की गई थी. बैठक में डॉ. ग्रीष्मा तिवारी और डॉ. अमित मंडल ने तकनीकी सत्रों का समन्वय किया और मौसमी संक्रमण अवधि के दौरान मछली तालाब प्रबंधन पर विशेषज्ञ व्याख्यान दिए. इस दौरान प्राकृतिक खाद्य उत्पादन, इनोवेटिव आहार व्यवस्थाएं और उच्च उत्पादकता और लाभप्रदता पर भी चर्चा हुई.
कई मछली किसान हुए हैं सफल
आईएफएफए के अध्यक्ष एस. रणजोध सिंह और उपाध्यक्ष एस. जसवीर सिंह ने किसानों की विभिन्न गतिविधियों और मुद्दों को सामने रखा, जिन्हें विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा उचित समाधान के साथ संतोषजनक ढंग से हल किया गया है. डॉ. मीरा डी. अंसल, डीन सीओएफ ने बताया कि आईएफएफए क्षेत्र में किसानों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और परामर्श, तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण और उपयोगिता सेवाओं के लिए अपनी स्थापना के बाद से विश्वविद्यालय से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन से एसोसिएशन के कई सदस्य राष्ट्रीय स्तर पर सफलता की कहानियों के साथ प्रगतिशील मछली किसानों में बदल गए.
किसानों के उत्थान के लिए काम कर रहा संस्थान
डॉ. प्रकाश सिंह बराड़, निदेशक विस्तार शिक्षा ने विश्वविद्यालय के साथ अपने सहयोगात्मक संबंधों के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र के उत्थान में आईएफएफए के प्रयासों की सराहना की और राज्य के सभी जिलों में मछली किसानों तक अपनी कनेक्टिविटी फैलाने के लिए एसोसिएशन की वकालत की. बैठक में कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विश्वविद्यालय राज्य के डेयरी, सुअर, बकरी, मुर्गीपालन और मछली किसान संघों के साथ अपने मजबूत संबंधों के माध्यम से पशुपालकों के उत्थान में सक्रिय भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को लगातार तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण के अलावा, विश्वविद्यालय विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को पहचानने के लिए हर साल प्रगतिशील किसानों को उनके अनुकरणीय कार्य के लिए मुख्यमंत्री पुरस्कारों से सम्मानित करता है.
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