नई दिल्ली. पशुपालन में पशुओं के लिए हरा चारा बहुत जरूरी होता है. पशुओं को हरा चारा देने से उनको जरूरी पोषक तत्व मिल जाता है. अगर पशु दूध नहीं दे रहा है तो उसे दिनभर में 15 से 20 किलो हरा चारा जरूर देना चाहिए. जबकि दुधारू पशुओं को दिए जाने वाले चारे में दो तिहाई हिस्सा हरा चारा और एक तिहाई हिस्सा सूखा चारा शामिल करना चाहिए. अगर पशुओं को चारा दिया जाए तो इससे उन्हें दूध उत्पादन करने में मदद मिलती है. जब हरा चारा उपलब्ध नहीं होता है उन्हें साइलेज भी दिया जाता है. ताकि जरूरी पोषक तत्व मिल जाएं. हरे चारे में नेपियर अच्छी चारा फसल है. नेपियर में 8.2 प्रतिशत प्रोटीन, कैल्शियम और फास्फोरस होती है. जो दुधारू जानवर के लिए बहुत ही उपयोगी है. यह बहुवर्षीय घास है जो 1500-1600 क्विंटल हरा चारा प्रति हेक्टेयर देता है जो अन्य चारा फसल के उत्पादन से कई गुना ज्यादा है. डेयरी व्यवसाय के लिए यह फसल बड़ा ही उपयोगी है.
अगर आप चारा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो उसे कुछ चरणों में शुरू कर सकते हैं. चारा बिजनेस शुरू करने की जो अच्छे मॉडल हैं, उनके बारे में आज हम आपको जानकारी दे रहे हैं. आप खुद चारा उगाकर बेच सकते हैं. दाना मिश्रण तैयार करके उसे आप पशुपालकों करना और उसे बेचा शामिल है. थोक विक्रेताओं से चारा खरीदकर उसे खुदरा पर बेचा जा सकता है. वहीं पशु चारे की मोबाइल वैन सेवा के जरिए से भी आप चारा बिजनेस कर सकते हैं.
पशु चारे के कई प्रकार होते हैं: पशु चारा कई प्रकार का होता है.
- हरा चारा: हरे चारे में नेपियर घास, ज्वार, मक्का, बरसीम आदि शामिल होती है. इसे खेतों में आसानी से उगाया जा सकता है. हरे चारे को देने से पशु में दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ जाती है.
- सूखा चारा: सूखे चारे में भूसा शामिल होता है, जिसमें गेहूं या धान होता है. सूखी घास आदि शामिल होते हैं. सूखा चारा लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है.
- केंद्रित चारा: केंद्रित या संवर्धित चारा में अनाज, खली, नमक, मिनरल आदि मिलाए जाते हैं. इस चारे से पशु का दूध उत्पादन बढ़ाया जाता है और पशु की सेहत की अच्छी रहती है.
- साइलो चारा: इसमें हरे चारे को विशेष विधि से टैंक या पॉलीबैग में रखकर तैयार किया जाता है. जिससे वह लंबे समय तक टिका रहता है.
बिजनेस शुरू करने के लिए करना होगा ये काम: पशु चारा व्यवसाय के लिए आपको क्या करना होगा इस बारे में भी जानते हैं. आपको हरा चारा उगाने के लिए खेत की जरूरत होगी. चारा स्टोर करने के लिए गोदाम या भंडार ग्रह की भी आवश्यकता होगी. चारा को विभिन्न स्थानों तक ले जाने के लिए ट्रॉली, गाड़ी की भी जरूरत पड़ेगी. कटर मशीन, मिक्सर, पैकिंग मशीन इन चीजों की भी जरूरत पड़ती है. वहीं इस बिजनेस के लिए आपको कुछ पूंजी का भी इंतजाम करना होगा.
बिजनेस शुरू करने के ये है चरण: बिजनेस शुरू करने के प्रमुख चरण है, उसमें सबसे पहले बाजार आता है. आप आसपास के गांव और पशुपालनों से बातचीत करें कि कितने लोग पशुपालन करते हैं. इसकी एक लिस्ट बनाकर आंकड़ा तैयार हो जाएगा. किस तरह का चारा चाहिए यह भी जानना जरूरी होता है. आपके क्षेत्र के पशुपालक इस समय कहां से ज्यादा चारा खरीद रहे हैं और किस रेट में चारा खरीद रहे हैं इसकी भी जानकारी करना बेहद जरूरी है.
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