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Dairy: डेयरी पशुओं को कितना खिलाना चाहिए चारा, क्या है सही तरीका जिससे बढ़ जाए उत्पादन, पढ़ें यहां

सीता नगर के पास 515 एकड़ जमीन में यह बड़ी गौशाला बनाई जा रही है. यहां बीस हजार गायों को रखने की व्यवस्था होगी. निराश्रित गोवंश की समस्या सभी जिलों में है इसको दूर करने के प्रयास किया जा रहे हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. एक सामान्य दुधारू पशु को प्रतिदिन 4-6 किलो सूखा और 15 20 किलो हरा चारा खिलाया जाना चाहिए. फली और गैर-फलीदार हरा चारा 1:3 के अनुपात में खिलाया जा सकता है. हरे चारे की फसल को जब आधी फसल में फूल आ जाए तब काटकर खिलाना उपयुक्त होता है. ज्यादा उपलब्ध हरा चारा है तो साइलेज के रूप में संरक्षित किया जाना चाहिए. गर्मियों में या फिर जब हरा चारा कम उपलब्ध हो, संरक्षित चारा उपयोग में आ सकता है. वहीं ज्यादा दूध उत्पादन और पशुओं के पोषक तत्वों की जरूरत को पूरा करने के लिए संतुलित आहार, एनडीडीबी द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर का उपयोग कर बनाना चाहिए.

जब पशु के लिए आमतौर पर सूखा चारा उपलब्ध हो, तो उपलब्धता के आधार पर आहार में पूरक के रूप में यूरिया मोलासिस मिनरल ब्लॉक का उपयोग करना चाहिए. शरीर की सामान्य जरूरतों को पूरा करने के लिए और अधिक ज्यादा दूध उत्पादन के लिए मिश्रित पशु आहार या बाईपास प्रोटीन पशु आहार भी खिलाना चाहिए. शरीर की आंतरिक क्रियाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए खनिज तत्व आवश्यक है, पशु को आहार के साथ साथ क्षेत्र खनिज मिश्रण भी दिया जाना चाहिए. वहीं पशुओं का आहार अचानक न बदल कर धीरे-धीरे बदलना चाहिए. अपव्यय से बचने और पाचनशक्ति में वृद्धि के लिए हरा चारा कुट्टी करके खिलाना चाहिए.

चारा पचाने में पशुओं को मिलती है मदद
विभिन्न पशु खाद्य पदार्थों को साथ में मिलाकर सानी या पूर्ण मिश्रित आहार (TMR) बनाना चाहिए. पशुओं को खिलाने के लिए उपयुक्त तरीका है कि दिनभर के आहार को 3-4 समान रूप से हिस्सा में बांट दिया जाए, जिससे की आहार की बर्बादी कम होती है और पाचनशक्ति भी बढ़ जाती है. आमतौर पर पशुओं को दिए जाने वाले आहार में एक या दो स्थानीय रूप से उपलब्ध कंसन्ट्रेट, पशु खादा पदार्थ, चास एवं सूखा चारा होता है. इस कारण आहार में प्रोटीन, ऊर्जा, खनिज तत्व और विटामिनों की मात्रा या तो कम या फिर ज्यादा होती है.

असंतुलित आहार का नुकसान
असंतुलित आहार पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादकता पर कई तरह से प्रतिकूल प्रभाव डालता है, साथ ही यह दूध उत्पादकों की शुद्ध दैनिक आय भी कम कर देता है, क्योंकि असंतुलित आहार से पशुओं की दूध उत्पादन करने की क्षमता का उपयोग पूरी तरह से नहीं हो पाता है. पशुओं के आहार को संतुलित बनाने के लिए एनडीडीबी ने एक सरल और आसानी से उपयोग में आने वाला सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो कि उस क्षेत्र के लिए प्रशिक्षित और समर्पित स्थानीय जानकार व्यक्तियों (LRPs) द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है. या फिर “पशु पोषण” एप्प को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर इस्तेमाल किया जा सकता है.

संतुलित आहार का फायदा

  • ज्यादा फैट और एसएनएफ के साथ दूध उत्पादन में इजाफा.
  • शुद्ध दैनिक आय में वृद्धि.
  • प्रजनन क्षमता में सुधार.
  • दो ब्यात के बीच के अंतराल में कमी, जिससे पशुओं के उत्पादक जीवन में इजाफा होता है.
  • पशु के स्वास्थ्य में सुधार होता है. इइससे उत्पादन बेहतर होता है.
  • मीथेन के उत्सर्जन में कभी, जो कि एक प्रभावशाली ग्रीन हाउस गैस (जीएमजी) है.

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