नई दिल्ली. गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के सेंटर फॉर वन हेल्थ, कीशोधकर्ता डॉक्टर कृति सिंह ने सतत भविष्य के लिए एक स्वास्थ्य मुद्दे और चुनौतियां विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार में सर्वश्रेष्ठ पोस्टर प्रस्तुति पुरस्कार जीता. यह सेमिनार कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से गवर्नमेंट कॉलेज गर्ल्स (लुधियाना) में आयोजित की गई थी.
डॉक्टर कृति की शोध प्रस्तुति का विषय रोगाणुरोधी प्रतिरोध और एक स्वास्थ्य नीतियों पर सामूहिक प्रयास था. इस शोध में डॉ. प्रतीक जिंदल, सिमरनप्रीत कौर और जसबीर सिंह बेदी ने भी लेखन किया. डॉक्टर जसबीर सिंह बेदी, सेंटर फॉर वन हेल्थ के निदेशक और डॉक्टर सिमरनप्रीत कौर को विशेषज्ञ वक्ता के रूप में भी कॉलेज के शिक्षकों और छात्रों के साथ संबोधित करने और चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया गया था. दोनों विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में स्वास्थ्य अवधारणा को मजबूत करने के लाभों पर चर्चा की. उन्होंने भारत में स्वास्थ्य नीतियों और माइक्रोबियल प्रतिरोध, पशु-से-मानव रोगों और जलवायु परिवर्तन जैसे संबंधित मुद्दों पर भी प्रकाश डाला.
क्या है रोगाणु प्रतिरोग
डॉक्टर कृति ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध के बारेमें बताया कि रोगाणु-रोधी-प्रतिरोधी जीव ऐसे कीटाणुहोते हैं जो किसी रोगाणु रोधी दवा कोअपने विरुद्ध काम करने से रोक सकते हैं.रोगाणु-रोधी प्रतिरोधी संक्रमण रोगाणु-रोधी-प्रतिरोधी जीवों के कारण होते हैं. रोगाणु-रोधी-प्रतिरोधी यानी एएमआर इस शताब्दी मे हमारे सामने सबसे बड़ी और बेहद गंभीर वैश्विक चुनौतियों मेंसे एक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने एएमआर को टॉप-10 वैश्विक सार्वजनिक खतरों में से एक घोषित किया है.
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