नई दिल्ली. गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना द्वारा आयोजित दो दिवसीय पशुपालन मेले का शुक्रवार को समापन हो गया. अंतिम दिन पशुओं के लिए घरेलू उपचार और एक समृद्ध समाज बनाने का संदेश दिया गया. अंतिम दिन मुख्य अतिथि पंजाब राज्य किसान एवं खेत मजदूर आयोग के अध्यक्ष डॉ. सुखपाल सिंह रहे. निदेशक, अटारी डॉक्टर परवेंदर शेरोन और डेयरी विकास विभाग के निदेशक कुलदीप सिंह जस्सोवाल विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हुए. विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों ने पशुपालकों को अपना ज्ञान और जानकारी प्रदान की. पशु पोषण विभाग ने पशुओं के उचित आहार के लिए कई नई तकनीकों जैसे बाईपास वसा, पशु चाट आदि का विकास किया है. पशुपालकों को पशु आहार तैयार करने की संतुलित मात्रा के बारे में भी जानकारी दी.
मुख्य अतिथि पंजाब राज्य किसान एवं खेत मजदूर आयोग के अध्यक्ष डॉ. सुखपाल सिंह ने कृषि में नई नीतियों और इससे कृषि क्षेत्र और कृषक समुदाय को होने वाले लाभों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि नई कृषि नीति किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी. उन्होंने सहकारी समितियों का योगदान बढ़ाने की वकालत की और कहा कि इनके माध्यम से हमें बहुउद्देश्यीय सेवाएं प्रदान करनी चाहिए. उन्होंने इस बात के लिए वेटरनरी विश्वविद्यालय की सराहना की कि क्षेत्र के लोग इस संस्था द्वारा किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हैं.
महिलाएं भी कर सकती हैं इन व्यावसाय को
डॉक्टर इंद्रजीत सिंह, वाइस चांसलर ने पशुओं की बीमारियों का जिक्र किया और कहा कि किसानों को अपने पशुओं का टीकाकरण अवश्य कराना चाहिए. उन्होंने किसानों को पूर्ण ज्ञान और प्रशिक्षण के साथ ही पशुपालन पेशे में आने के लिए प्रोत्साहित किया. प्रसार शिक्षा के निदेशक डॉक्टर प्रकाश सिंह बराड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुछ विभाग पशुपालन से संबंधित सेवाएं प्रदान करते हैं जबकि कुछ विभाग पशु उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाकर नए उत्पाद कैसे तैयार किए जाएं, इसका प्रशिक्षण भी देते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के काम से घर बैठे अच्छा पैसा कमाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इन व्यवसायों की यह भी विशेषता है कि इन्हें महिलाएं भी आसानी से कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि सजावटी मछली, मछली एक्वेरियम, बोतलबंद स्वादिष्ट दूध, लस्सी, पनीर, मांस और अंडे का अचार, कोफ्ता, पैटीज़, बॉल्स और मछली कीमा से विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं.
पशुओं से लेकर डेयरी तक के बारे में दी जानकारी
डॉ बराड़ ने कहा कि पशुपालकों ने पशुपालन व्यवसायों को और बेहतर बनाने और वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने में अच्छी रुचि दिखाई. विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों ने पशुपालकों को अपना ज्ञान और जानकारी प्रदान की. पशु पोषण विभाग ने पशुओं के उचित आहार के लिए कई नई तकनीकों जैसे बाईपास वसा, पशु चाट आदि का विकास किया है. पशुपालकों को पशु आहार तैयार करने की संतुलित मात्रा के बारे में भी जानकारी दी. पशु प्रजनन विभाग ने पशुओं के प्रजनन जटिलताओं के बारे में जानकारी दी और इन समस्याओं पर नियंत्रण के लिए जागरूक किया. फिशरीज कॉलेज ने विभिन्न प्रकार की कृषि योग्य मछलियों जैसे कार्प मछली, कैट फिश, झींगा मछली और सजावटी मछली का प्रदर्शन किया. डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय द्वारा दूध की गुणवत्ता में वृद्धि करते हुए मीठी एवं नमकीन लस्सी, दूध, पनीर, बर्फी एवं अन्य उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन किया. पशु उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मांस उत्पाद तैयार किए गए विश्वविद्यालय के वन हेल्थ सेंटर ने पालतू जानवरों के मालिकों को जानवरों से होने वाली
बीमारियों के बारे में जानकारी दी.
मासिक पुस्तकों का भी किया गया विमोचन
पशु स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने वाले पशु चिकित्सा अस्पताल के विशेषज्ञों ने पशुपालकों को बताया कि वे किसी भी प्रकार की स्कैनिंग, ऑपरेटिव, क्लिनिकल या ड्रग परीक्षण यहां से ले सकते हैं. विश्वविद्यालय के प्रकाशन स्वास्थ्य देखभाल और पालन अनुशंसाएं , मासिक पत्रिका वैज्ञानिक पशुपालन भी किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे. इस अवसर पर महत्वपूर्ण हस्तियों द्वारा पुस्तिका तरल दूध और दूध उत्पादों के लिए संचालन प्रक्रियाएं और बकरियों की देखभाल पुस्तक का विमोचन किया गया. मत्स्य पालन महाविद्यालय द्वारा एक मोबाइल फिश कार्ट का भी उद्घाटन किया गया.
मेले में शामिल होने पर इन्हें मिला सम्मान
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, दवाइयों, मशीनरी, पंजाब सरकार के पशुपालन विभागों और विश्वविद्यालय के सहयोग से काम करने वाले संगठनों के 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे. इन स्टॉलों में स्पैंको एग्री इम्प्लीमेंट्स प्रथम, वेस्पर फार्मास्यूटिकल्स द्वितीय, प्रोवेलिस इंडिया प्रा.लि. तीसरे स्थान पर प्रोग्रेसिव डेयरी सॉल्यूशंस को प्रोत्साहन पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. विश्वविद्यालय श्रेणी में, पशुधन उत्पादन और प्रबंधन विभाग को प्रथम पुरस्कार, डेयरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय को दूसरा पुरस्कार, पशु जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय और पशु रोग अनुसंधान केंद्र को तीसरा पुरस्कार मिला. इस अवसर पर डॉ. सुखपाल सिंह, डॉ. परवेन्दर शेरोन, कुलदीप सिंह जस्सोवाल, डॉ. केवल अरोड़ा (सेवानिवृत्त अधिकारी, पशुपालन विभाग) और इश्मीत सिंह संगीत संस्थान के छात्रों को भी सम्मानित किया गया
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