नई दिल्ली. हाल ही के कुछ सालों में युवाओं में पशुपालन की ओर दिलचस्पी देखी गई है. डेयरी फार्मिंग में ज्यादातर लोगों की पहली पसंद दुधारू पशु ही होते हैं, जिन्हें पालकर वे डेयरी फार्मिंग कर रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं. आप भी डेयरी की शुरुआत करना चाहते हैं तो कौन सी नस्ल की गाय पालें, उसका खानपान क्या रखें, जिससे आपकी कमाई महीने दर महीने बढ़ और डेयरी फार्म में आपको मोटा मुनाफा मिल सके. इस आर्टिकल के जरिए हम आपको दे रहे हैं छोटी से छोटी और हर जरूरी जानकारी, जिसके जरिए आपको गाय पालन में बेहतर मदद मिल सकेगी.
समय के साथ ही आज हमारे देश में बड़े पैमाने पर पशुपालन का काम किया जा रहा है. इस बिजनेस में आज युवाओं का रुख बढ़ रहा है. बिजनेस के नजरिए से आज पशुपालन में दुधारू पशु की डिमांड काफी बढ़ी है. कमाई के लिए डेयरी फार्म बेहतर बिजनेस है.
अगर आप डेयरी फार्म की सोच रहे हैं, तो गिर नस्ल की देसी गाय को पालने का प्लान शामिल करें. पशुपालन में दिलचस्पी रखने वाले पशुपालकों की पहली पसंद पहले भी गिर गाय थी. उसके रख-रखाव और खान-पान से जुड़ी चीजों से अधिकांश पशुपालन अंजान हैं. पहली बार डेयरी फार्म की शुरुआत करने वाले पशुपालकों के लिए देसी नस्ल की गिर गाय पालना फायदे का सौदा हो सकता है.
गाय के शेड के बारे में अहम जानकारी भारतीय देसी नस्लों में गिर गाय काफी अहम है. इसे पालने के लिए अच्छी जगह की जरूरत होती है. आमतौर पर गिर गाय एक जगह ही बंधे रहना पसंद नहीं करती हैं, गिर गायों को थोड़ी अधिक जगह पसंद है. एक फार्म में आप एक दर्जन तक गिर गायों से पशुपालन की शुरुआत कर सकते हैं. इसके लिए आपको तीन से चार हजार स्क्वायर फीट की शेड की जरूरत पड़ सकती है. खुरों को ध्यान में रखते हुए गिर गायों के शेड के फर्श में पक्की ढलाई ना कराएं. गिर गायों के लिए मिट्टी का फर्श ही बेहतर होता है. हमेशा इन शेड में नियमित साफ-सफाई करते रहें. यहां किसी भी तरह का जलभराव नहीं होना चाहिए. गिर गाय का शेड पूरी तरह से सूखा और हवादार होना चाहिए. रोशनी और हवा के लिए लाइट रखें.
खानपान में कैसा होना चाहिए गिर गाय का सूखा और हरा, दोनों तरह का चारा गिर गायों के आहार में शामिल करना जरूरी होता है. हरे चारे के रूप में ज्वार, जई, बरसीम और मक्का के पत्ते की कुटी बनाकर खिलाना चाहिए. इन्हें दानों से भरपूर पशु आहार खिलाया जाता है, जिसमें चना, जौ, मक्का, गेहूं, और मूंगफली या फिर सरसों की खली को एक साथ मिला कर भुरभुरा पीस लें और गुड़ के पानी में गला कर पशुओं को खिलाएं. पशु आहार प्रति गाय को एक से डेढ़ किलो तक ही खिलाना चाहिए, दूध देने वाली गायों को उनके दूध देने की क्षमता के अनुसार पशु आहार दें.
कमाई का बेहतर जरिया है डेयरी फार्मिंग डेयरी बिजनेस से बढ़िया मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आप केवल दूध बेचने पर अपना फोकस ना रखें. दूध के अलावा डेयरी प्रोडक्ट्स कमाई बढ़ाने में कारगर हैं. दूध को प्रोसेस कर उसका घी, पनीर, छाछ और घी जैसी चीजें बनाकर बेचते हैं तो अधिक कमाई हो सकती है. पशुओं का रख-रखाव और खान-पान बेहतर होगा तो दूध देने की क्षमता के साथ उसकी गुणवत्ता में भी बढ़ोतरी होगी.
डेयरी फार्मर में कुछ चुनौतियां भी हैं शामिल पशुओं की खुराक और शेड के अलावा इनकी सेहत का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी होता है. कई तरह की संक्रमित बीमारियां फैलती हैं, जिनसे पशु बीमार हो जाते हैं. इसलिए समय-समय पर पशु चिकित्सकों से उनकी जांच और वैक्सीनेशन करवाना बहुत जरूरी है. यदि आपका पशु बीमार या संक्रमित हो जाएं, तो उसे अलग शेड में रखें. इसके अलावा डेयरी में हर साफ और स्वच्छ पानी का इंतजाम रखें.
अलग ही बांधे गाय और बछड़े गाय पालक एक्सपर्ट की सलाह है कि गिर गाय के बछड़े और बछिया को अलग बांधना चाहिए. बछड़े या बछिया को गाय के साथ इसलिए नहीं बांधा जाता ताकि वे मां का दूध ना पी सकें. ज्यादा दूध पीने से उनकी सेहत खराब होने का खतरा रहता है.
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