Home पशुपालन Goat Farming: कम खर्च में शुरू करना चाहते हैं बकरी पालन तो ऐसे करें
पशुपालन

Goat Farming: कम खर्च में शुरू करना चाहते हैं बकरी पालन तो ऐसे करें

goat farming
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. बकरी पालन तेजी के साथ बढ़ने वाला व्यवसाय है. इसको करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. खास तौर पर ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों के लिए या व्यवसाय तो बहुत ही बेहतर है. हालांकि बकरी पालन करने के लिए आपको इसके पालने के तरीके के बारे में जानकारी होनी चाहिए. बाकायदा तौर पर इसके लिए विषय विशेषज्ञ ट्रेनिंग भी देते हैं. ट्रेनिंग को लेकर आप बकरी पालन कार्य शुरू कर सकते हैं. हालांकि यहां हम आपको बकरी पालन से जुड़े कुछ सवालों का जवाब दे रहे हैं जिससे आपको बकरी पालन में मदद मिलेगी.

शेड की जरूरत पड़ती है
आमतौर पर जब भी कोई बकरी पालन का कार्य शुरू करेगा तो उसके जहन में ये सवाल आएगा कि इसका बिजनेस कैसे शुरू करें. बकरी पालन का बिजनेस करने के लिए सबसे पहले सही नस्ल का चुनाव करना जरूरी होता है. फिर इसके बाद बकरियों के लिए शेड की व्यवस्था करनी होगी. शेड में भी तमाम व्यवस्थाएं होनी चाहिए. बकरी पालन के लिए एक व्यस्क मादा बकरी के लिए 12 वर्ग फीट की जगह की जरूरत होती है. जबकि एक व्यस्क बकरे के लिए 15 वर्ग फीट की जगह की जरूरत होती है. वहीं बकरी के बच्चे के लिए आज 8 वर्ग फीट की जगह की जरूरत होती है.

इन बकरियों का करें चयन
बकरी पालन शुरू करने में 25 से 30 हजार रुपये का खर्च आता है. अगर बड़े पैमाने पर बकरी पालन किया जाए तो बकरियों के लिए रहने की जगह का निर्माण करना होगा. भोजन पानी आदि जैसे खर्चों में काम से कम 2 से 3 लख रुपए खर्च आ सकता है. बकरी पालन व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्र के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है. बकरी पालन में दूध उत्पादन के लिए सानेन, जमुनापारी, जखराना, बीटल और बरबरी नस्ल की बकरियों को पाला जा सकता है, जो बेहतर रिजल्ट देने के मामले में खूब प्रसिद्ध हैं. यही नहीं बकरी पालन में मांस उत्पादन के लिए ब्लैक बंगाल, बीटल, उस्मानबादी, गुजरी बवेला और करौली नस्ल की बकरियों को पाला जा सकता है. बकरियों के लिए 100 से 120 वर्ग फीट जमीन की जरूरत होती है.

बकरी को क्या खिलाया जाए
10 बकरियों को पालने में करीब 60 हजार रुपये का खर्च आता है. इसमें बकरी खरीदने का खर्च और शेड बनाने का खर्च अलग है. ये भी सवाल है कि बकरियों को खिलाया किया जाए, तो बता दें कि बकरियों को पोषण के लिए प्रतिदिन सूखा चारा एवं दान देना चाहिए. सूखा चारा में गेहूं की भूसी, सूखी पत्तियां, धान की भूसी, उड़द, मकई की भूसी या अरहर की भूसी शामिल की जा सकती है. दाने में 57 परसेंट मक्का 20 फीसदी मूंगफली की खली, 20 फीसदी चोकर 2 फीसदी खनिज मिश्रण और एक परसेंट नमक होना चाहिए.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

जैसे बच्चा बाहर आ जाए, उसे पशु को चाटने देना चाहिए. जिससे उसके शरीर में लगा श्लेषमा सूख जाए. जरूरत हो तो साफ नरम तौलिया से बच्चे को साफ कर दीजिए.
पशुपालन

Animal Husbandry: गर्भ के समय कैसे करें पशुओं की देखभाल, जानिए एक्सपर्ट के टिप्स

जैसे बच्चा बाहर आ जाए, उसे पशु को चाटने देना चाहिए. जिससे...

सफेद कोट का रंग होता है. नर में चेहरे, गर्दन और पिछले पैरों पर लंबे बालों का गुच्छा होता है.
पशुपालन

Assam Hill Goat: असम की पहचान है ये पहाड़ी बकरी, जानिए इसकी खासियत और ये जरूरी बात

सफेद कोट का रंग होता है. नर में चेहरे, गर्दन और पिछले...

गंभीर दस्त से पीड़ित भैंस को अक्सर अंत शीला पोषण की आवश्यकता होती है. किसी अन्य जानवर के रुमेन ट्रांसपोर्टेशन उन जानवरों के लिए सहायक हो सकता है जिन्हें खाना नहीं दिया गया है. या जो अनाज की अधिकता जैसे विशाल अपमान का सामना कर रहे हैं.
पशुपालनसरकारी स्की‍म

Green Fodder: यूपी में पशुओं के लिए चारा उत्पादन बढ़ाने को सरकार चला रही है ये योजना

जो खेती योग्य भूमियों से भिन्न प्रकार की भूमियों में जैसे बंजर...