नई दिल्ली. पशु पालक अपने बकरे-बकरियों को अलग—अलग चारा खिलाते हैं. एक तो खुले मैदान, खेत और जंगलों में उन्हें चाराया जाता है. जबकि जानकार इसे ही बकरियों की जरूरत को पूरा करने का सबसे अच्छा और बेहतर तरीका बताते हैं. इसके अलावा आजकल बकरियों चराकर, खूंटे पर बांधकर भी चारा खिलाया जाता है. जबकि बकरियां दूसरे बड़े जानवरों की तरह से एक बार में पूरा चारा नहीं खाती हैं. बकरियों को थोड़ा-थोड़ा करके दिन में चार से पांच बार इन्हें खाने के लिए चारा चाहिए होता है. वहीं बकरियों का चारा तीन तरह का होता है. बकरियों को हरा चारा, सूखा चारा और दाना खिलाया जाता है. लेकिन इस सब के साथ यह ख्याल रखना भी बेहद जरूरी होता है कि बकरी जो खा रही है वो ठीक से हजम हो रहा है या नहीं. वहीं एक्सपर्ट कहते हैं कि बकरियों का खानपान मेमने से लेकर बड़ी बकरी की उम्र पर निर्भर होता है. बकरी के प्रेग्नेंट होने पर उसे उसी मुताबिक खाने को चारा दिया जाना चाहिए. अगर बकरी दूध दे रही है तो उस चारे की मात्रा अलग रहती है. जबकि मीट के लिए बकरा पाला जा रहा है तो उसका भी खानपान अलग होगा.
हरा चारा क्यों महत्वपूर्ण है
बकरियां ही नहीं गाय-भैंस के खाने में भी हरे चारे को बेहद अहम माना गया है. विशेषज्ञों की मानें तो हरे चारे में प्रोटीन, खनिज, लवण और विटामिन की मात्रा भरपूर पाई जाती है. जबकि बकरियों द्वारा खाया जाने वाला हरा चारा कई रूप में मिल सकता है. जैसे कई तरह की घास, पेड़-पौधों की पत्तियां और फलियां, पत्तेदार सब्जियां, बरसीम और चरी आदि के रूप में. साधारण नमक, क्रूड प्रोटीन, खनिज मिश्रण और संपूर्ण पाचक तत्व.
सूखा चारा में क्या-क्या होता है
बकरियों को दिए जाने वाले सूखे चारे की बात की जाए तो इसमें अरहर, चना और मटर का भूसा, सानी में लगाकर गेहूं का भूसा आदि मुख्य है. वहीं मूंग, उड़द की सूखी पत्तियां, सूखी हुई बरसीम, चरी, रिजका. लोबिया, मक्का, नेपियर और बरसीम, चरी, रिजका को अगर सुखाकर रखा गया है तो बकरियों के लिए ये चारा बहुत अच्छा होगा.
सूखा दाना भी दे सकते हैं
पशु पालक यदि बकरियों को तंदरुस्त देखना या यूं कहा जाए कि बनाने और उन्हें जरूरत के मुताबिक सभी जरूरी मिनरल देना चाहते हैं तो उन्हें दाना भी खिलाना चाहिए. बकरियों के लिए जितना जरूरी सूखा और हरा चारा है उससे कहीं ज्यादा दाना भी है. दाना खिलाने से ही दूध की क्वालिटी भी बढ़ती है. दाना बनाने के लिए जौ, मक्का, बाजरा, सरसों, अलसी, तिल, मूंगफली की खल दिया जा सकता है.
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