नई दिल्ली. देश में पिछले कुछ सालों में दूध उत्पादन बढ़ा है. दुग्ध उत्पादन क्षेत्र को और अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार हर वर्ष डेयरी किसानों, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान करने वाले तकनीशियन और दूध उत्पादक कंपनियों को गोपाल रत्न पुरस्कार से नवाजती है. राजस्थान के पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि गाय भैंसों की प्रमाणित स्वदेशी नस्लों की डेयरी करने वाले किसानों, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान करने वाले तकनीशियन और सहकारी व दुग्ध उत्पादक कंपनियों को पशुपालन, मत्स्य और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत हर वर्ष गोपाल रत्न पुरस्कार दिया जाता है. मंत्रालय द्वारा इस वर्ष भी गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए 15 सितम्बर तक ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किये गये हैं.
कुमावत ने बताया कि स्वदेशी दुधारू गायों में वैज्ञानिक तरीके से उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना, राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत कृत्रिम गर्भाधान करने वाले तकनीशियनों को 100 प्रतिशत एआई कवरेज लेने के लिए प्रेरित करना तथा सहकारी और दुग्ध उत्पादक कंपनियों को विकसित करने और उनमें प्रतिस्पर्धी भावना विकसित करने के लिए प्रेरित करना ही इसके प्रमुख उददेश्य हैं.
कौन कर सकता है आवेदन
इस पुरस्कार के लिए गाय और भैंसों की डेयरी करने वाले वही किसान पात्र होंगे जो गाय की 53 प्रमाणित देशी नस्लों अथवा भैंस की 20 प्रमाणित देशी नस्लों में से किसी एक का पालन करते हों.
इसी तरह राज्य, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड, दूध फेडरेशन गैर सरकारी संगठन या निजी क्षेत्र का कोई भी कृत्रिम गर्भाधान करने वाला तकनीशियन जिसने इस कार्य के लिए कम से कम 90 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त किया हो इस पुरस्कार के लिए पा़त्रता रखता है.
साथ ही दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में सहकारी, कम्पनी अधिनियम के तहत 100 लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन करने वाली और 50 किसान सदस्यों वाली ग्राम स्तर पर स्थापित सहकारी समिति, एमपीसी, एफपीओ दूध उत्पादक कम्पनी इसके लिए पात्र हैं.
पशुपालन मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए तीनों श्रेणी में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए 5 लाख, 3 लाख और 2 लाख रुपये की राशि दी जाएगी.
उन्होंने बताया कि विजेताओं को यह पुरस्कार 26 नवम्बर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रदान किये जायेंगे.
सभी इच्छुक किसान, कृत्रिम गर्भाधान करने वाले तकनीशियन और सहकारी तथा दूध उत्पादक कम्पनियां इस पुरस्कार के लिए पशुपालन, मत्स्य और डेयरी विभाग, भारत सरकार की वेबसाइट पर 15 सितम्बर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
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