नई दिल्ली. देश के किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं. केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी किसान, पशुपालकों की इनकम बढ़ाने और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रयास कर रही हैं. मध्य प्रदेश में डॉक्टर मोहन यादव की सरकार ने राज्य के पशुपालकों, गौपालकों के लिए मध्य प्रदेश कृषक कल्याण मिशन योजना की शुरुआत की है. आज हम आपको बता रहे हैं कि इस योजना में किसानों को क्या—क्या लाभ मिलेंगे. सरकार प्रयास कर रही है कि गाय और भैंस के दूध के उत्पादन की क्षमता को बढ़ाए. इसके लिए सरकार अब दुग्ध समितियों की संख्या को बढ़ाने और दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी प्रयास कर रही है.
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने प्रदेश के किसानों की इनकम बढ़ाने और समग्र विकास के लिए “मध्य प्रदेश कृषक कल्याण मिशन” को हरी झंडी दी गई. इस मिशन में विभिन्न विभागों की योजनाओं को एक मंच पर लाकर कार्यान्वयन किया जाएगा. मिशन में साधारण सभा के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि मुख्य सचिव कार्यकारिणी समिति की अध्यक्षता करेंगे.
क्या है कृषक कल्याण मिशन: इसके माध्यम से सरकार प्रयास कर रही है कि किसान, गौपालकों की इनकम को बढ़ाया जाए. सहकारिता विभाग के जरिए दूध संकलन को 26,000 गांवों तक पहुंचाने का टारगेट तय किया गया है. अब तक 25 लाख लीटर दूध एकत्रित किया जाता है, अब प्रसंस्करण क्षमता को बढ़ाकर 50 लाख लीटर प्रतिदिन तक करने की योजना बनाई गई है. कैबिनेट ने कृषि यंत्रीकरण को 1.5 गुना बढ़ाने और सूक्ष्म सिंचाई को 20 प्रतिशत क्षेत्रफल तक ले जाने की योजना को मंजूरी दी है. इसके अलावा उद्यानिकी फसलों का क्षेत्रफल राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने और नरवाई जलाने से प्रदेश को मुक्त करने का संकल्प लिया गया है.
इनकम डबल करना उद्देश्यः मिशन का उद्देश्य किसानों की इनकम दोगुनी करना, कृषि को जलवायु के अनुकूल बनाना, धारणीय और जैविक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है. वहीं पारंपरिक कृषि ज्ञान का संरक्षण करना है, साथ ही किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के प्रयास किए जाएंगे. जिला स्तर पर मिशन का संचालन कलेक्टर की निगरानी में होगा. इस मिशन में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, सहकारिता और उपभोक्ता संरक्षण जैसे विभागों की योजनाएं समन्वय के साथ लागू होंगी. गौपालकों को पशु खरीद में सब्सिडी भी दी जाएगी. दुग्ध समितियों की संख्या को भी बढ़ाया जाएगा, इस बात की जानकारी पशुपालन मंत्री पहले ही दे चुके हैं.
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