नई दिल्ली. भारत के गृह मंत्री व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में कहा कि राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड बहुत अच्छा काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड ने पड़ोसी देशों और अफ्रीका देश में डेरी को मजबूत करने का जो काम किया है, इससे पीएम मोदी के वसुदेव कुटुंबकम के नारे को और ज्यादा बल मिला है. हालांकि उन्होंने दोहराया कि इसके लिए यह भी जरूरी है कि किसानों की आय को भी बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें भारत को गुणवत्ता वाले दूध और दूध उत्पादन के निर्यात के माध्यम से विश्व की डेरी बनाने की जरूरत पड़ेगी. तभी हम पीएम मोदी के लक्ष्य को पूरा करने में कामयाब हो पाएंगे. केंद्रीय मंत्री ने डेरी बोर्ड से यह भी कहा कि सरकारी डेरी को और मजबूत करें और जिन पंचायत और गांव में डेरी उद्योग की क्षमता है वहां पर सरकारी समितियां का गठन करके महत्वपूर्ण कार्य किए जाएं.
मंत्री ने कहा कि डेरी क्षेत्र में एनडीडीबी की पहल सरहाना के लायक है. मल्टी कमोडिटी और सरकारी समितियां की आवश्यकता पर भी उन्होंने जोर दिया. कहा कि सरकारी समितियां के उत्पादन के निर्यात के लिए एक ब्रांड का बनाना बहुत जरूरी है. जैविक उत्पादों को बढ़ावा दिया भी जाना चाहिए. सरकारी समितियां के बीच सहयोग से दूध प्रोसेसिंग सुविधाओं को और बेहतर बनाने की जरूरत है. डेरी मशीनरी के निर्माण में आत्मनिर्भरता भी लानी होगी. जबकि एनडीडीबी की सहायक कंपनी आईडीएमसी लिमिटेड के माध्यम से स्वदेशी देरी उपकरणों के निर्यात पर बढ़ावा देने पर उन्होंने जोर दिया.
वहीं एनडीडीबी के चेयरमैन मीनेश शाह ने अमित शाह को इस बारे में अवगत कराते हुए कहा कि एनडीडीबी अपनी नीति “किसान सर्वप्रथम” को मद्देनजर में रखते हुए ही अपनी सभी योजनाओं का क्रियान्वयन सहकारिता की रणनीति के तहत काम कर रही है. कहा कि किसानो द्वारा पशुपालन की वैज्ञानिक पद्धति को अपनाकर एनडीडीबी को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है. वहीं एनडीडीबी से जुड़ी दूसरी संस्थाओं ने भी डेरी सहकारिताओं को मजबूत कर करोड़ो किसानों के लिए आय का रास्ता खोलते हुए एनडीडीबी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाया है.
इस मौके पर सहकारिता सचिव ज्ञानेश कुमार, संयुक्त सचिव पंकज कुमार बंसल, एनडीडीबी निदेशक मंडल की सदस्या वर्षा जोशी, अतिरिक्त सचिव (डेरी विकास), पशुपालन विभाग, भारत सरकार, शामलभाई बालाभाई पटेल, चेयरमैन गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड, निहाल चंद शर्मा, चेयरमैन हिमाचल प्रदेश सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड और डॉक्टर एनएच केलावाला, उपकुलपति, कामधेनु यूनिवर्सिटी भी मौजूद थे. आपको बताते चलें कि एनडीडीबी मत्स्य पालन, पशुपालन और डेरी मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक सांविधिक निकाय है. इसकी नींव 1965 में रखी गई थी. जिसका मकसद अपनी सहायक कंपनियों मदर डेरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड, आईडीएमसी लिमिटेड, एनडीडीबी डेरी सर्विसेज, एनडीडीबी मृदा लिमिटेड और एनडीडीबी काफ लिमिटेड, की मदद से देश में डेरी क्षेत्र की उन्नति, वित्त पोषण और विकास को समर्थन प्रदान करना है.
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