नई दिल्ली. पशुपालन करने वाले ज्यादातर पशुपालक भाइयों को ये बात मालूम ही होगी कि उन्हें मौसम के हिसाब से पशुओं को हरा और सूखा चारा खिलाना चाहिए. अगर नहीं मालूम है तो ये बात जरूर पता होनी चाहिए. इससे आपकी पशुपालन की लागत भी कम होगी. साथ ही पशुओं को जरूरी पोषक तत्व भी मिलेंगे और चारे की कमी होने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी. क्योंकि कई बार हरा चारा ज्यादा हो जाता है तो पशुओं को कई तरह परेशानी हो जाती है. इस आर्टिकल में हम आपको यही बताने वाले हैं कि पशु को अभी इस महीने में जब न तो ज्यादा ठंड है न ही ज्यादा गर्मी तब कितना हरा चारा खिलाना चाहिए.
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि आमतौर पर पशुओं को रोजाना 6 किलो सूखा चार और 15 से 20 किलो हरा चारा खिलाना चाहिए. हालांकि यह मात्रा पशु के वजन दूध और उत्पादन और मौसम पर निर्भर करती है. फरवरी के मौसम में न तो बहुत ज्यादा ठंड होती है न बहुत ज्यादा गर्मी, ऐसे में इस वक्त पशुओं को कितना हरा चारा खिलाना बेहतर होता है और क्या-क्या खिलाना चाहिए इस बारे में आइए यहां जानते हैं.
पशुओं को इस महीने में क्या खिलाएं
एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक पशुओं को सही समय पर सही मात्रा में आहार देना चाहिए. पशुओं को दिन में दो बार आहार दें. याद रखें कि हरे चारे को काटकर खिलाने से फायदा मिलता है. जबकि पशुओं को सूखा चारा खिलाने के लिए उनकी कट्टी बनाकर खिलाना चाहिए. वहीं पशुओं को संतुलित आहार, बाईपास, प्रोटीन आहार भी देना चाहिए. फरवरी के महीने में पशुओं को बरसीम जरूर खिलानी चाहिए. इसके अलावा लूर्सन और साइलेज भी खिलाया जा सकता है. इससे पशुओं को फायदा होगा और उन्हें तमाम जरूरी पोषक तत्व मिल जाएंगे.
संतुलित चारा खिलाने से मिलता है फायदा
चारा तीन तरह का होता है. हरे चारे में बरसीम खिलाई जाती है. जो प्रोटीन और विटामिन से भरपूर होती है. वहीं सूखे चारे के तौर पर पशुओं गेहूं का भूसा खिलाते हैं. जबकि पशुओं को दाना मिश्रण भी दिया जाता है. जिसमें खली भी शामिल की जाती है. बरसीम पशुओं को दूध उत्पादन बढ़ाने में मददगार साबित होती है. इससे पाचन शक्ति मजबूत होती है और पशुओं की सेहत भी अच्छी रहती है. बरसीम न हो तो मक्की का हरा चारा खिलाया जा सकता है. इस बात का ध्यान रखें कि हर तीन किलो चारे में इस वक्त एक किलो हरा चारा पशुओं को खिलाएं. एक्सपर्ट कहते हैं कि जब पशुओं का चारा संतुलित रहता है तो वो सेहतमंद भी रहते हैं.
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