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Green Fodder: कैसे सुखाएं जमीन पर हरा चारा, जाने यहां पूरी विधि

यदि धूप अधिक तेज न हो तो हरे चारे को अधिक पतली सतहों में फैलाया जाता है.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. दुधारू पशुओं के लिए हरा चारा बेहद मायने रखता है. जब हरा चारा मिलना मु​श्किल हो जाता है उस मौसम में साइलेज बहुत काम आता है. हरे चारे को भविष्य के लिए सुरक्षित करने के मकसद से साइलेज के रूप में बदल दिया जाता है. ताकि जब चारे की कमी हो तो दुधारू पशुओं को दिया जाए और इससे पशुओं की तमाम जरूरतें पूरी हो सके. साइलेज बनाने के लिए हरे चारे में नमी का प्रतिशत 65 से 75 नमी की जरूरत होती है. सुखाए हुए चारे को हे कहते हैं. यह वैज्ञानिक विधि से इस प्रकार तैयार की जाती है, जिससे चारे का हरापन बना रहे और तैयार किए जाने के बाद इसके पोषण मान में बिना किसी विशेष हानि के गोदाम में रखा जा सकता है.
हरे चारे में नमी की मात्रा 70 से 80 प्रतिशत हो जाती है. उत्तर भारत में हे तैयार करने का समय वैसे तो मार्च-अप्रैल होता है. क्योकि मार्च-अप्रैल में धूप बेहद अच्छी होती है और आसमान भी साफ होता है. मौसम में आर्द्रता भी कम होती है. जिससे चारा जल्दी से सूख जाता है और हे तैयार हो जाता है. कैसे हरे चारा सुखाया जाए, जिससे उस मौसम में हरे चारे की उपलब्धा बनी रहे जब हरा चारा नहीं मिलता है. आइये जानते हैं यहां पूरी विधि.

जमीन पर हरे चारे को सुखाने की विधि

हरे चारे को काटने के बाद जमीन पर 25-30 सेंटी मीटर मोटी सतहों या छोटे-छोटे ढेरों में फैलाकर धूप में सुखाया जाता है. यदि धूप अधिक तेज न हो तो हरे चारे को अधिक पतली सतहों में फैलाया जाता है. जब चारे की अधिकांश उपरी पत्तियां सूख जाती हैं और थोड़ा कुरकुरापन आ जाता है तो चारे को छोटे-छोटे ढेरों में इकट्ठा कर लिया जाता है. मार्च-अप्रैल के महीने में चारे को इतना सूखने में 3-4 घंटा लगता है. धूप के तेज होने पर और भी कम समय लगता है. बनाए गए ढेरों की पत्तियां जब सूख जाएं लेकिन मुड़ने पर एक दम न टूटने लगे इससे पहले ही ढेरों को पलट देना चाहिए.

उलट-पलट करना इसलिए है जरूरी

चारे के ढेरों को ढीला रखा जाता है, जिससे उसमें हवा आती जाती रहे. उलट-पलट कर यह कार्य दूसरे दिन सुबह ही करना चाहिए. जिससे पत्तियों में कुरकुरापन कम होता है और मुलायम पत्तियों/दलहनीय चारों की पत्तियां झड़कर नष्ट न हो जाएं. दूसरे दिन शाम को इन छोटी-छोटी ढेरियों को 10-15 के ढीले ढेरों में इकट्ठा कर लेना चाहिए. फिर से इन सूखे ढेरों को अगले दिन तक पड़े रहने देना चाहिए जिससे कि स्टोर से पहले चारा भली-भांति सूख जाए. तैयार की हुई हे को बाड़े, छप्पर या अन्य किसी सुरक्षित स्थान में स्टोर कर लेना चाहिए.

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