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Animal Fodder: पशुपालन में हरे चारे के लिए करें जई की बुवाई, यहां पढ़ें कितना मिलता है उत्पादन

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. पशुपालन में जई महत्वपूर्ण रबी चारा फसलों में से एक है. उत्तरी पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में जई के हरे चारे को सभी पशुओं को अकेले या बरसीम के साथ 1:1 या 1:2 के अनुपात में खिलाया जाता है. इस क्षेत्र में आमतौर पर ज्वार, बाजरा, मक्का या मध्यम समय से पकने वाली धान के बाद जई की खेती करते हैं. जई के लिए दोमट या भारी दोमट भूमि, जहां जल निकासी का उचित साधन हो, उपयुक्त है. आमतौर पर खरीफ की फसल के बाद जई की बुवाई की जाती है. इसलिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से व दो-तीन जुताई कल्टीवेटर हल से करके पाटा लगा लें.

कुंडो में जब बुवाई करें और जब समय से बुवाई करें तब 75 से 80 किलोग्राम एक हेक्टेयर में बीज की बुवाई करें. पिछैती में 100 से 110 किलोग्राम बीज लगेगा. वहीं छिटकवां तरीके से समय पर बुवाई करने पर 75 से 80 किलो ग्राम और पिछैती में करने पर 100 से 125 किलो ग्राम बीज की जरूरत होगी. इसका समय अक्टूबर के द्वित्तीय पखवाड़े से नवम्बर के प्रथम पखवाड़े तक होता है.

कितने बीज की पड़ेगी जरूरत
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के मुताबिक देर से बुवाई की बात की जाए तो नवम्बर के आखिरी समय पर भी बुवाई कर सकते हैं. कुंड़ों में बुवाई 20 सेंटी मीटर दूरी पर लाइनों में करते हैं. बुवाई के बाद खेत को लम्बी-लम्बी क्यारियों में बांट लेते हैं.

प्रति हैक्टेयर 60 किलो ग्राम नाइट्रोजन और 40 किलो ग्राम फोस्फोरस अंतिम जुताई के समय भूमि में मिला दें. 30 किलो ग्राम नाइट्रोजन दो बार बराबर मात्रा में पहली बुवाई के 20-25 दिन बाद छिड़क कर सिंचाई कर देनी चाहिए.

दूसरी मात्रा इसी तरह पहली कटाई के बाद देनी चाहिए. जिस जमीन में सल्फर कम हो उसमें 20 किलो ग्राम सल्फर का प्रयोग अच्छी उपज देता है.

पलेवा करके खेत को तैयार करें. आगे की सिंचाई लगभग एक माह के अंतर पर करनी चाहिए. कल्ले निकलने तथा फूल आने के समय सिंचाई जरूरी है.

कटाई के बारे में पढ़ें
एकल कटाई के लिए 50 प्रतिशत फूल की अवस्था में करें. बहु कटाई के लिए
पहली कटाई, बोने के 50-55 दिन बाद करें. दूसरी कटाई, 50 प्रतिशत फूल निकलने पर करें.

कटाई जमीन से 8-10 सेमी. ऊपर करने से कल्ले अच्छे निकलते हैं. बीज लेने के लिए पहली कटाई के बाद फसल छोड़ दें. कटाई लेने से पहले सिचांई अवश्य करें जिससे कटाई के पश्चात फसल तेजी से बढ़ती है.

हरा चारा उत्पादन 30-60 टन प्रति हैक्टेयर मिलता है. यदि एक कटाई के बाद बीज उत्पादन करते हैं तो हरा चारा लगभग 25 टन, बीज 1.5-2 टन एवं भूसा 2-2.5 टन प्रति हैक्टेयर प्राप्त हो सकता है.

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