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Berseem: हरे चारे का राजा है ये, जानें कैसे करें बरसीम तैयार

पशुपालन में बरसीम खिलाया जाए तो पशुओं को भूसा चोकर कम देना पड़ता है.
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. बरसीम में प्रोटीन की मात्रा खूब होती है. जिससे पशुओं को प्रोटीन मिलता है और वह स्वस्थ्य रहते हैं. बरसीम पशुओं के लिए पौष्टिक और रसीला चारा है. अगर पशुपालन में बरसीम खिलाया जाए तो पशुओं को भूसा चोकर कम देना पड़ता है. जबकि बरसीम की खेती साल भर की जा सकती है. रबी में बोई जाने वाली दलहनी चारा फसलों में बरसीम का प्रमुख स्थान है. यह पशुओं के लिए पौष्टिक हरा चारा प्रदान करने के साथ-साथ भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ाती है. बरसीम से नवम्बर के अंत से अप्रैल तक लगभग 1000-1200 क्विंटल हरा चारा प्रति हैक्टेयर प्राप्त होता है. इसे हरे चारे का राजा भी कहते हैं.
इसके लिए मटियार दूमट मृदा सर्वोत्तम रहती है. इसकी बुवाई के लिए एक जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से तथा दो जुताई देशी हल से करें. इसके बाद खेत को पाटा लगाकर समतल बनाए और उचित आकार की क्यारिया बनाएं.

कितनी खाद और उर्वरक की होती है जरूरत

बरसीम के लिए 15 से 20 टन गोबर की खाद बुवाई के एक माह पहले खेत में मिलाएं और 20-30 किलो नत्रजन व 80 किलो फॉस्फोरस प्रति हैक्टेयर बुवाई से पहले खेत में डालें.

ये है बरसीम की उन्नत किस्में
मसकावी, वरदान, बी.एल.-10, बी.एल-22, जे.वी-1, खदरावी, फाईली, पूसा जाइन्ट, टी-780, टी-678, टी-724 बरसीम की उन्नत किस्में हैं.

बरसीम के लिए कब करें बीज और बुवाई

बरसीम के लिए 25-30 किलो प्रति हैक्टेयर उन्नत बीज को राइजोबियम ट्राईफोलियम नामक जीवाणु कल्चर से उपचारित कर बुवाई करें. जल्दी व पर्याप्त मात्रा में हरा चारा प्राप्त करने के लिए 2 किलो सरसों का बीज प्रति हैक्टेयर की दर से बरसीम के साथ मिलाकर बुवाई करें. बुवाई के लिए 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर का समय सर्वोत्तम है. कासनी के बीजों को अलग करने के लिए बीजों को 5 प्रतिशत नमक के घोल में डुबोकर ऊपर तैरते हुए कासनी एवं बरसीम के हल्के बीजों को अलग कर दें. नीचे बैठे स्वस्थ बीजों को सादा पानी से दो-तीन बार धोकर छाया में सुखाने के बाद बुवाई करें. बुवाई के लिए समतल क्यारियों में पानी भर कर गंदला कर लें और जब एक से डेढ़ सेमी. पानी रह जाए तब बीज छिड़क दें. सूखी क्यारियों में बुवाई के लिए बीज छिड़कने के बाद रेक चलाकर अच्छी तरह मिट्टी में मिला कर सिंचाई करें.

पौध संरक्षण: बरसीम में थ्रिप्स, चेपा व चने की लट का हमला होता है, इनसे बचाव के लिए मैलाथियान 50 ई.सी., 1.25 लीटर प्रति हैक्टेयर का छिड़काव करना चाहिए.

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