नई दिल्ली. हरा चारा आमतौर पर खेतों से प्राप्त किया जाता है. मौजूदा वक्त में लगभग 9.38 मिलियन हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर हरा चारा उगाया जाता है, जिससे केवल 40 टन प्रति हेक्टेयर वार्षिक उपज प्राप्त होती है, जो बहुत कम है. जमीन की कमी को देखते हुए कुछ जरूरी उपाय जो किए जा सकते हैं ताकि पशुओं के लिए सालभर हरा चारा मिलता रहे. इसमें कोई कमी न आ पाए. इसके लिए जरूरी है कि उपलब्ध भूमि से हरे चारे का उत्पादन बढ़ाया जाए और नुकसान कम से कम करते हुए चारे की उपलब्धता को बढ़ाया जाए.
भारत में दुधारु पशुओं के लिये वार्षिक लगभग 50 मिलियन टन कंसन्ट्रेट पशु खाद्य पदार्थ उपलब्ध है, जो लगभग 10 मिलियन टन कच्ची प्रोटीन (सोपी) तथा 32.5 मिलियन टन कुल पचनीय पोषक तत्त्व (टोडीएन) प्रदान करते हैं. इसकी तुलना में, हरे चारे का वार्षिक उत्पादन लगभग 500 मिलियन टन है, जो लगभग 12 मिलियन टन कच्ची प्रोटीन तथा 55 मिलियन टन कुल पचने वाला पोषक तत्व प्रदान करता है. कहा जा सकता है कि हरा चारा दुधारू पशुओं के लिए पोषक तत्त्वों, खासतौर से विटामिनों का महत्वपूर्ण स्रोत है.
हरा चारा उत्पादन एवं उपलब्धता बढ़ाने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है
- ज्यादा उपज देने वाली प्रजातियां संकर जातियों के उन्नत बीजों का इस्तेमाल करें. ताकि पशुओं के लिए चारे की कोई कमी न हो.
- उत्पादन की बताई गई विधियों का कृषि में प्रयोग करें. इससे फायदा होगा.
- एक्सपर्ट का कहना है कि उचित फसल चक्र का उपयोग किया जा सकता है.
- अल्प अवधि वाली चारा फसलों (सूरजमुखी, सरसों, शलजम) को बदलते हुए मौसम के अन्तराल में लगाना बेहतर होता है.
ज्यादा से ज्यादा पोषक तत्त्व प्राप्त करने के लिए चारे को उपयुक्त अवस्था में काटें. ताकि पशुओं को पोषक तत्व चारा के जरिए मिलता रहे. - कमी के दौरान हरे चारे की उपलब्धता तय करने और अधिशेष हरे चारे को हानि से बचाने के लिए और साइलेज बनाने के लिए आधुनिक पद्धतियों का प्रयोग करें.
- चारा की बर्बादी कम-से-कम करने के लिए कुट्टी काटने की मशीन का इस्तेमाल करें.
- चारे की गुणवत्ता तथा मृदा की उर्वरता को बढ़ाने के लिए दलहनी और अदलहनी फसलों को बदल-बदल कर या मिला कर बोया जाना चाहिए.
- पूरे साल हरा चारा प्राप्त करने के लिए बहुवर्षीय घासों जैसे संकर नेपियर बाजरा/गिनी घास को 15 से 20 प्रतिशत बुवाई योग्य क्षेत्र में लगाएं.
- चारे की कम उपलब्ध वाली अवधि के दौरान, चारा प्राप्ति हेतु फार्म की चारदीवारी पर चारे के वृक्षों/झाड़ियों को लगाएं.
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