Home सरकारी स्की‍म Fish Farming: तालाब में एयरेटर लगाने को सरकार कर रही है हजारों रुपये की मदद, पढ़ें स्कीम की डिटेल
सरकारी स्की‍म

Fish Farming: तालाब में एयरेटर लगाने को सरकार कर रही है हजारों रुपये की मदद, पढ़ें स्कीम की डिटेल

fish farming
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली पालन में ठंड के मौसम में तालाब में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और इससे मछलियां सुस्त रहने लगती हैं. क्योंकि मछलियों को पर्याप्त ऑक्सीजन की जरूरत होती है. जिसके लिए तालाब में कुछ उपाय करने पड़ते हैं. जिससे पानी में जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन की पूर्ति हो सके. फिश एक्सपर्ट कई बार ऑक्सीजन देने के लिए थोड़ी ऊंचाई से तालाब में ताजा पानी डालने की सलाह देते हैं. वहीं तालाब में ऑक्सीजन देने के लिए सबसे अच्छा तरीका एयरेटर लगाना है. जिसके जरिए तालाब में ऑक्सीजन दी जाती है. वहीं इससे पानी की गुणवत्ता में सुधार होता है. पीएच के संतुलन को भी यह स्थिर करता है. जबकि एक्स्ट्रा कार्बन डाइऑक्साइड को भी हटता है. एयरेटर से तालाब के पानी में मौजूद अपशिष्ट गैसें भी बाहर निकलती हैं.

कुल मिलाकर कहा जाए तो मछली पालन में एयरेटर की बड़ी अहम भूमिका है, जो हर मछली पालक के लिए जरूरी है. सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. ताकि किसान मछली पालन में भी हाथ आजमाएं और उनकी आमदनी दोगुनी हो जाए. फिश फार्मिंग में एयरेटर की भूमिका को देखते हुए हरियाणा सरकार सघन मत्स्य विकास कार्यक्रम के तहत एयरेटर लगाने पर सब्सिडी दे रही है. आइए इसके बारे में डिटेल से जानते हैं.

40 दिन में मिल जाएगा योजना का फायदा
सरकार की ओर से एरियेटर खरीदने के लिए मछली किसानों को 20 हजार रुपये तक की मदद की जा रही है. इसके लिए कुछ पात्रता भी निर्धारित की गई है. जैसे लाभार्थी के पास परिवार का पहचान पत्र होना जरूरी है. डीपीआर के मुताबिक लाभार्थी को तालाब के स्वामित्व के साथ-साथ जरूरी वित्तीय संसाधनों की स्वीकृतियां आदि के स्वामित्व पर दस्तावेजी सबूत पेश करना होगा. इस योजना का फायदा उसे ही मिलेगा जो हरियाणा का मूल निवासी है. क्योंकि योजना हरियाणा के लोगों के लिए ही चलाई जा रही है. योजना का फायदा उठाने के लिए ट्यूबवेल साइट की तस्वीरों के साथ बिलों का भी जमा करना अनिवार्य है. इसके लिए कोई फीस देने की जरूरत नहीं है और अधिकतम 40 दिनों के अंदर इसका फायदा मछली किसानों को मिल जाएगा.

इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
एरियेटर योजना का फायदा उठाने के लिए मछली किसान और मत्स्य विभाग के बीच अनुबंध पर साइन होना जरूरी है. मछली किसान को जन्म प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, मतदाता कार्ड, आधार कार्ड, दसवीं का सर्टिफिकेट और बर्थ सर्टिफिकेट आदि देना होगा. पहचान पत्र के तौर पर राशन कार्ड, मतदाता कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड और पैन कार्ड भी देना होगा. इस योजना के तहत जाति प्रमाण पत्र भी देना जरूरी है, वो तहसीलदार द्वारा जारी किया गया होना चाहिए. अगर किसान के पास मछली पालन की ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट है तभी इस योजना का फायदा उसे मिलेगा. वहीं अनुदान से संबंधित फोटो वगैरह भी विभाग में जमा करनी होगी. जिस जमीन पर तालाब है, उसका रिकॉर्ड, तहसील भूमि का रिकॉर्ड अगर तालाब लीज पर है तो पंचायत का प्रस्ताव पंचायत की रसीद जमा करनी होगी.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

shrimp farming in india
सरकारी स्की‍म

Shrimp Farming: सरकार चला रही है ये योजना, अपनी झींगा फसल का इस तरह कराएं बीमा

अगर आप भी हरियाणा के निवासी हैं और झींगा पालन करना करते...