नई दिल्ली. सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है. ताकि किसान पशुपालन के काम में आगे आएं और उनकी इनकम बढ़ सके. असल में सरकार किसानों की इनकम दोगुना करना चाहती है. सरकार का मानना है कि पशुपालन के जरिए किसानों की इनकम को दोगुना किया जा सकता है. इसलिए पशुपालन को बढ़ाव देने के लिए सरकार लोन, सब्सिडी और पशुओं का बीमा तक करने की योजनाएं चलाती है. ताकि किसान इस काम में आगे आ सकें.
वहीं हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड की ओर से पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना चलाई जा रही है. इसका उद्देश्य पशुधन को बीमा योजना के तहत कवर कर पशुपालकों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा देना है. योजना के अनुसार पशुपालकों को पशु की मौत होने पर वित्तीय मदद दी जाती है. परिवार 5 बड़े पशुओं का बीमा करा सकते हैं. लाभार्थी 100/200/300 रुपए प्रतिवर्ष देकर बड़े पशु का और 25 रुपए प्रति छोटे पशु का बीमा करवा सकते हैं. बीपीएल लाभार्थियों को अतिरिक्त सब्सिडी मिलती है. एससी लाभार्थियों का पूरा प्रीमियम राज्य व केंद्र सरकार कवर करती है.
रजिस्ट्रेशन इस तरह कराएं
पात्र आवेदक आधिकारिक वेबसाइट saralharyana.gov. in पर क्लिक करें और सभी अनिवार्य चीजें पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन भरें. यदि आवेदक पोर्टल पर पंजीकृत नहीं है तो वह वहां पंजीकृत हो जाता है. पंजीकरण के लिए ‘साइन इन हियर’ के तहत ‘न्यू यूजर’ पर विवरण भरें. जैसे- नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, पासवर्ड और राज्य फिर सबमिट पर क्लिक करें. इसके बाद ओटीपी के माध्यम
से अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी सत्यापित करें और पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करें.
किसे मिलेगा फायदा
आवेदक पशुपालक होना चाहिए.
आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.
आवेदक के पास हरियाणा का परिवार पहचान पत्र होना चाहिए.
बिना कान-टैगिंग और दस्तावेज के पशुओं के दावों पर विचार नहीं किया जाएगा.
जरूरी दस्तावेजों केे बारे जानें
चिकित्सक द्वारा जारी पशु का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, पशु की तस्वीरें, बीमा कंपनी के पास एफआईआर व विधिवत भरा हुआ दावा फॉर्म. बीमा पॉलिसी दस्तावेज, पशु चिकित्सक द्वारा जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट और लाभार्थी का अपडेट बैंक खाता.
खाते में मिलेगी मदद
दुर्घटना या फिर मृत्यु दावों का निपटान लाभार्थियों को 21 दिन अंदर सीधे बैंक खातों में किया जाता है. बीमा कंपनियों द्वारा दस्तावेज जमा करने के 15 दिनों के भीतर निपटारा करना जरूरी है. देरी होने पर 12 फीसद चक्रवृद्धि ब्याज का जुर्माना लगेगा.
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