Home मछली पालन Fisheries: मछली पालन के संग बत्तख पालने के ये हैं 8 बड़े फायदे, पढ़ें यहां
मछली पालन

Fisheries: मछली पालन के संग बत्तख पालने के ये हैं 8 बड़े फायदे, पढ़ें यहां

fish farming
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली पालन के साथ बत्तख पालन भी किया जा सकता है और बत्तख पालन करके अच्छी खासी कमाई की जा सकती है. अगर मछली के साथ बत्तख को पाला जाए तो दोगुनी कमाई होती है. वहीं मछलियों को खाद देने की भी जरूरत नहीं होती है. बताते चलें कि मछलियों को वैसे तो खाद की जरूरत होती है लेकिन आप बत्तख पालते हैं तो तालाब में बत्तख के वेस्ट को डाला जा सकता है, जो मछलियों के किसी खाद से कम नहीं है. इसे खाकर मछलियों की ग्रोथ भी तेजी होती है और प्रोडक्शन भी बढ़ जाता है. इसलिए बत्तख पालन मछली पालन में खाद का खर्च भी बचा लेता है.

हो सकता है कि लोगों के जेहन में ये सवाल उठे कि बत्तख पालन और मछली पालन साथ में किया जाए तो कितना फायदा होगा. मसलन मछली का कितना उत्पादन होगा और बत्तखों से कितने अंडे हासिल किये जा सकते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि अगर उत्पादन की बात की जाए तो मछली सह बत्तख पालन से प्रति हेक्टर प्रतिवर्ष 25 सौ किलो मछली का उत्पादन किया जा जा सकता है. साथ ही 14 हजार से 15 हजार अंडे भी बत्तखों से हासिल किये जा सकते हैं. वहीं 500-600 किलोग्राम बत्तख का मांस भी उपलब्ध होगा. इस प्रकार मछली के साथ-साथ बत्तख पालन करने से मछली किसानों को अतिरिक्त आय मिलती है.

मछली के साथ बत्तख पालन के फायदों को जानें

  1. मछली के साथ बत्तख को पालते हैं तो तालाब में अतिरिक्त खाद डालने की जरूरत नहीं पड़ती है.
  2. इस तरह मछलियों के लिए डाली जाने वाली खाद का खर्च बच जाता है.
  3. मछलियां बत्तख की गिराई गई खुराक और को भोजन के रूप में ग्रहण करती हैं, जिसके कारण अतिरिक्त कृत्रिम आहार मछलियों को नहीं देना पड़ता.
  4. बतखें जलीय वनस्पति पर नियंत्रण रखती हैं, जिससे मछलियों को दिक्कत होती है.
  5. बतखों को अपने भोजन का 50-60 फीसदी भाग जलक्षेत्र से ही प्राप्त हो जाता है. वहीं कीड़े-मकोड़े, पौधे, मेढक के बच्चे भोजन के रूप में ग्रहण करती हैं, जो कि मछलियो के लिए हानिकारक है.
  6. तालाब में बत्तख के तैरते रहने से वायुमंडल की ऑक्सीजन निरंतर पानी में घुलती है. इससे मछलियों को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है.
  7. बत्तख भोजन के लिए तालाब के तल की मिट्टी को उछालती रहती है. जिसके कारण उसमें मौजूद पोषक तत्व पानी में आते रहते हैं.
  8. पोषक तत्व आने से जलक्षेत्र की उत्पादकता में इजाफा होता है. इससे मछली पालकों को फायदा पहुंचता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

moly fish
मछली पालन

Ornamental Fish Farming: बढ़ रहा है सजावटी मछलियों का कारोबार, 28 करोड़ रुपये की हुईं एक्सपोर्ट

भारत में 374 से अधिक मीठे पानी की स्वदेशी अलंकारिक मत्स्य प्रजातियां...

Interim Budget 2024
मछली पालन

Fish Farming: ठंड में इस वजह से मछली का उत्पादन हो जाता है कम, जानें क्या है इसका उपाय

सर्दियों के मौसम में मछलियां सुस्त रहती हैं और काम गतिविधि करती...

ornamental fish farming
मछली पालन

Fish Farming: देश में ओर्नामेंटल फिश फार्मिंग के विकास के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए, पढ़ें यहां

भारत में अंतर्देशीय और समुद्री जल में अलंकारिक (ओर्नामेंटल) मछलियों की समृद्ध...