Home मछली पालन Fisheries: जानें ठंड में मछलियों की ग्रोथ पर कितना पड़ता है असर, नुकसान से कैसे बचें
मछली पालन

Fisheries: जानें ठंड में मछलियों की ग्रोथ पर कितना पड़ता है असर, नुकसान से कैसे बचें

CIFE will discover new food through scientific method
मछली का प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है. जब यही ठंड और ज्यादा बढ़ जाएगी तो सुबह और रात में टेंपरेचर बेहद कम हो जाएगा. इस ठंड से इंसानों के साथ-साथ तालाबों में पलने वाली मछलियां भी प्रभावित होती हैं. सबसे पहले तो मछलियां ठंड की वजह से खाना खाना बंद कर देती हैं और उनकी ग्रोथ पर बेहद बुरा असर पड़ता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसी कंडीशन में मछलियों की ग्रोथ पर 80 फीसदी तक असर पड़ता है. इतना ही नहीं बीमारियों का खतरा भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है.

एक्सपर्ट का कहना है कि एक बार बीमारी हो जाती है तो फिर मछलियों में मृत्युदर भी बढ़ जाती है और इसका नुकसान मछली पालक को उठाना पड़ता है. इसलिए इस तरह की समस्या से बचने के लिए उपाय करना बेहद ही जरूरी है.

इन बीमारियों का रहता है खतरा
फिश एक्सपर्ट का कहना है कि मछलियों के लिए सबसे अनुकूल तापमान 25 से 32 डिग्री होता है और जब तापमान इससे 10 डिग्री नीचे चला जाता है तो मछलियों की रोजमर्रा की गतिविधियों में जैसे पाचन क्षमता, सांस लेने में दिक्कत होती है. जबकि प्राकृतिक आहार पर भी बुरा असर पड़ता है. आमतौर पर मछलियां तालाब की तली में रहना ज्यादा पसंद करती हैं. क्योंकि तालाब की तली की ऊपरी सतह का पानी ठंडा होता है और तली का पानी कम ठंडा होता है. तालाब की तली में रहने की वजह से मछलियों को जोंक, चमोकन समेत कई तरह की बीमारियां भी हो जाती हैं. लाल धब्बा की बीमारी भी मछलियों को हो जाती हैं.

क्या करना चाहिए, पढ़ें यहां
फिश एक्सपर्ट कहते हैं की मछलियों को ठंड से बचने के लिए तालाब के पानी की मात्रा को बढ़ा देना सबसे बेहतर काम है. आमतौर पर तालाबों में 4 से 5 फीट पानी रखा जाता है. जाड़े में 6 फीट तक पानी रखना बेहतर होता है. अगर संभव हो तो पानी का बदलाव करते रहना चाहिए. बोरवेल का ताजा पानी तालाब में भर देने से मछलियों को राहत मिलती है. मछलियों के आहार देने में भी सावधानी बरतनी चाहिए. जब धूप निकले तो उस दौरान मछलियों का आहार देना सबसे बेहतर माना जाता है. इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि पहले से उसकी मात्रा कम होनी चाहिए. क्योंकि मछलियां ठंड में कम आहार खाती हैं. वहीं जोंक और चमोकन से बचाव के लिए बुटेक्स दवा इस्तेमाल करना चाहिए. तालाब में इसे डालना चाहिए. चूना भी डाल सकते हैं. इससे भी मछलियों को बीमारियों से बचाया जा सकता है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

how to treat a fish ulcer
मछली पालन

Fish: मछली बीज का ज्यादा उत्पादन लेने के लिए पढ़ें एक्सपर्ट की ये सलाह

मत्स्य बीज पक्षेत्र सुनारू फतुहा पटना के सहायक मत्स्य निदेशक डॉ. टुनटुन...

fish farming in pond
मछली पालन

Fish Farming: बरसात में तालाब के अंदर अमोनिया और नाइट्रेट का असर कम करने के लिए करें ये काम

तालाब के अंदर फंगेसियास और मांगुर जैसी मछलियां बहुत ज्यादा बीट करती...

Under the Prime Minister Matsya Sampada Yojana (PMMSY), the flagship scheme of the Government of India in Andhra Pradesh, a total investment of Rs 2300 crore has been envisaged in the fisheries sector for five years. livestockanimalnews
मछली पालनसरकारी स्की‍म

Fish: 9 साल में चार गुना हुआ सीवीड उत्पादन, खेती की यहां है संभावनाएं

समुद्री शैवाल की खेती, PMMSY के अंतर्गत प्राथमिकता वाली गतिविधियों में से...