नई दिल्ली. भैंस के लिए मुख्य आहार घास जैसे घास, फलियां और पुआल है. भैंस को या तो चारागाह के रूप में ताजा या कट-एंड-कैरी-सिस्टम में खिलाया जा सकता है या घास या साइलेज के रूप में संरक्षित किया जा सकता है. रघे को अक्सर अनाज, ध्यान केंद्रित और कृषि-औद्योगिक उप-त्पादों जैसे तेल-बीज केक, गन्ना टॉप आदि के साथ पूरक किया जाता है. बताते चलें कि गैर-गर्भवती भैंसें या गैर-कामकाजी बैल 6-7 घंटे की चराई के दौरान रखरखाव के लिए अपनी पोषक तत्वों की आवश्यकता को चराई से इतर घंटों के दौरान भूसे के अतिरिक्त भोजन से पूरा करते हैं.
वहीं स्वस्थ वयस्क भैंस को प्रतिदिन 6 किलो सूखा चारा और 15-20 किलोग्राम हरा चारा खिलाना चाहिए. फलीदार और बिना फलीदार हरा चारा 1:3 के अनुपात में खिलाया जाना चाहिए. खनिज शरीर के सभी चयापचय कार्यों के लिए आवश्यक हैं. पशुओं के राशन को क्षेत्र विशिष्ट खनिज मिश्रण के साथ पूरक किया जाना चाहिए. इस आर्टिकल को हम आपको बताने जा रहे हैं कि गैर गर्भवती भैंस को कितने चारे की जरूरत होती है कि उसको जरूरी पोषण मिल जाए.
कितना भूसा देना चाहिए
एक्सपर्ट के मुताबिक 450 किलोग्राम वजन वाली भैंस को स्टाल-फीडिंग के लिए 9.5 किलोग्राम भूसा + 0.7 किलोग्राम मूंगफली खली/सोयाबीन खली या देना चाहिए. वहीं 7.0 किलोग्राम भूसा +10 किलोग्राम बरसीम (15% डीएम) या 28 किलोग्राम अनाज चारा (20% डीएम) देना चाहिए. इससे आम तौर पर आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है.
बरसीम कितनी दें
बताते चलें कि प्रत्येक 50 किलोग्राम के लिए शरीर का वजन 450 किलोग्राम से अधिक होता है. इसमें 0.7 किलोग्राम भूसा+55 ग्राम मूंगफली खली/सोयाबीन खली या 3 किलो हरी बरसीम देना चाहिए. वहीं 2.5 किलोग्राम अनाज चारा इसमें जोड़ना होगा.
जरूरी पोषण मिलना जरूरी
पशुपालकों को ये बात ध्यान में रखना चाहिए कि किस पशु को कितने चारे की जरूरत होती है. क्योंकि पशुओं को जब उनकी जरूरत के हिसाब से चारा उपलब्ध कराया जाएगा तो उन्हें तमाम जरूरी पोषण मिल जाएंगे. इसके लिए पशु पालक एक्सपर्ट से भी सलाह ले सकते हैं. जरूरी पोषण प्राप्त करने वाले पशु अच्छा प्रोडक्शन करते हैं.
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