नई दिल्ली. खेती किसानी के अलावा किसानों का पशुपालन की ओर रुझान तेजी के साथ बढ़ा है. जिससे उन्हें फायदा भी हो रहा है, हालांकि पशुपालन में बदलते मौसम के साथ पशुओं को कई बीमारियों का खतरा भी होता है. पशुपालक के पास अगर स्वस्थ पशु होगा तो उन्हें ज्यादा मुनाफा होता है. जबकि बीमार पशु उत्पादन कम कर देते हैं. कई बार देखा गया है कि पशुपालकों की लाख कोशिश के बाद भी पशु बीमारी हो जाते हैं. जिसका सबसे बड़ा कारण पशुपालकों को पशुओं की बीमारी के बारे में कैसे पता करें इसकी जानकारी न होना है.
इस तरह करें पहचान
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर पशुओं को बीमारी को नहीं पहचान पाते हैं तो घबराएं नहीं, सबसे पहले आप पशुओं की चाल यानी उसकी गति पर ध्यान दें. अगर आपका पशु सामान्य से अलग गति में चल रहा है तो ऐसे में आपका पशु बीमार है.
अगर पशु सही तरीके से चारा नहीं खा रहा है और जुगाली नहीं कर रहा है तो ऐसे में आपको पशु के बीमार होने को लेकर अलर्ट हो जाना चाहिए.
पशु के दूध की मात्रा में कमी होने का कारण भी पशु की बीमारी ही होती है. पशु पूरे दिन स्वस्थ रहता है और त्वचा पर सूखापन देखने को मिलता है तो यह पशु बीमारी होने के लक्षण हैं.
अगर पशु का शारीरिक तापमान अधिक व कम है और सांस लेने में परेशानी आ रही है तो समझ जाएगी पशु बीमार है.
पशु के नाक कान और आंख से पानी आना भी बीमारी होने के संकेत में से एक है.
अक्सर देखा गया कि कुछ पशु लंगड़ाकर चलते हैं तो यह भी पशु में एक बीमारी के लक्षण का ही संकेत होता है.
इसके अलावा पशु का अचानक वजन कम होना, सूखी हुई थूक करना भी पशु बीमारी के लक्षण में से एक है.
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