Home मछली पालन Fish Farming: कैसे करें मछली पालन की शुरुआत, जानिए यहां
मछली पालन

Fish Farming: कैसे करें मछली पालन की शुरुआत, जानिए यहां

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. आमदनी बढ़ाने के लिए अब किसान भाई सिर्फ फसलों पर ही निर्भर नहीं हैं. मछली पालन से भी अच्छी आमदनी कर रहे हैं. अगर आप भी मछली पालन कर अपनी आय को दोगुना करना चाहते हैं तो जानिए कैसे आप मछली पालन कर सकते हैं. मछली पालन के लिए किन किन जरूरतों को पूरा करना है. जिससे कि आप मछली पालन कर अच्छी आय कर सकें. यहां हम आपको बता रहे हैं मछली पालन के लिए कैसे तालाब का निर्माण करें, कितनी लेयर में तालाब होना चाहिए. तालाब में कौन कौन सी मछलियां कहां रहती हैं.

अब आप भी अच्छा तालाब निर्माण करके अच्छी मछली का उत्पादन कर सकते हैं. मछली पालन तालाब और पोखरों में ही किया जाता है. इसके लिए तालाब का चयन बहुत जरूरी है. लाभ मिलने का सिलसिला यूं ही चलता रहे। इसके लिए एक्सपर्ट की राय के जरिए आप भी जानिए कैसे तालाब बनाएं और कौन सी मछली कैसे रखें.

अच्छे तालाब का करें निर्माण एक्सपर्ट का कहना है कि ये तय कर लें कि गर्मी से पहले तालाब का निर्माण कर लें. मछली पालन के लिए सबसे अच्छा तालाब होना जरूरी है. अच्छा तालाब के निर्माण के मात्र पांच से साढ़े पांच फीट पानी की आवश्यकता होती है. एक तलाब में करीब छह ​किस्म की मछलियां पाली जा सकती हैं. जैसे- रोहू, ग्रास कार्प, कतला, सिल्वर कार्प, मिरगर और कॉमन कार्प. ये मछलियां अलग अलग परिवेश में रहती हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि मछलियों को रेस्ट करना होता है. सिल्वर कार्प तालाब के उपरी सतह पर भोजन करती है. रोहू और ग्रास कार्प मध्य सतह पर और कॉमन कार्प तालाब के निछली सतह पर रहती है, यहीं भोजन करती है.

तीन लेयर में हो तालाब का निर्माण आमतौर पर गांव में एक गड्ढा बना लेते है, लेकिन इससे उत्पादन नहीं मिलता है, एक्सपर्ट का कहना है​ कि आयाताकार तालाब बनाना चाहिए. कम से कम आधा एकड़ का तालाब होना चाहिए, तालाब को शेप दें. तीन शेप देते हुए तालाब को बनाएं. तालाब के मेड़ को अच्छा बनाएं, जहां दो से ढाई फीट पानी होता है, उसी सतह को ऊंचा कर लें. तालाब और मछली पालन नेचर के हिसाब से करें. जहां बलुआ मिट्टी हैं, वहां तालाब नहीं बनता. जहां पर दोमट मिट्टी है और पानी टिकता है. वहां तालाब का निर्माण करें. कोशिश करें ऐसी जगह का चयन करें जहां अच्छे तालाब का निर्माण हो सके, तालाब के उपर पेड़ ना लगाएं, मई से जुलाई तक मछली बीज का उत्पादन होता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

जैविक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान पुरस्कार इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर (डॉ.) रीना चक्रवर्ती को प्रदान किया गया है. गौरतलब है कि यह पुरस्कार 2015 से भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाता है. इस पुरस्कार के लिए डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने उन्हें बधाई दी और कहा कि विश्वविद्यालयों का उदेश्य ऐसे शोध को बढ़ावा देना होना चाहिए जो राष्ट्र की प्रगति में सहयोग दें.
मछली पालन

Fisheries: किचन-रूफ टॉप गार्डन की तरह कम पानी और कम जगह में होगा मछली पालन

जैविक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान पुरस्कार इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय की...

livestock animal news, Fish Farming,Fish Farming Benefits,Fisheries, Fish pond
मछली पालन

Fish Farming: छोटे तालाब में कौन सी मछलियों को पालें, जिससे मिले ज्यादा मुनाफा, जानें यहां

छोटे तालाब में मछली पालन करके पहले अनुभव हासिल कर लिया जाए....

fish
मछली पालन

Fisheries: आप भी करना चाहते हैं मछली पालन तो पहले पढ़ें ये टिप्स, तभी होगा फायदा

इंडियन कार्प मछलियां, जैसे रोहू कतला, भाकुर वगैरह को अगर पालते तो...

Animal Husbandry, Fish, Duck Farming, Poultry Farming
मछली पालन

Fish Farming: इस इस तरह करें मछली के तालाब में एरिएशन, मशीन की भी नहीं पड़ेगी जरूरत

नई दिल्ली. मछली पालन एक बेहतरीन काम है और इससे खूब कमाई...