नई दिल्ली. पशुपालन ऐसा काम है, जिसको करके आप बहुत मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन यह तभी संभव है कि जब आपको पशुपालन के काम की पूरी जानकारी होगी. उसके बिना पशुपालन में आपको नुकसान भी हो सकता है. इसीलिए एक्सपर्ट हमेशा ही ट्रेनिंग लेने की भी सलाह देते हैं. क्योंकि इस वक्त साइंटिफिक तरीके से पशुपालन किया जा रहा है, जिससे पशुपालकों को फायदा मिल रहा है. अगर आप भी उसे तरीके से पशुपालन करते हैं तो इससे आपको फायदा मिलेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पशुपालन में कई ऐसे काम हैं, जिनको करने से पशुओं को फायदा मिलता है.
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशुओं की सही ढंग से देखरेख करने से दूध उत्पादन पर भी फर्क पड़ता है. उनकी सेहत भी अच्छी रहती है और इस वजह से पशु तंदुरुस्त भी रहते हैं. इन्हीं देखरेख वाले कामों में से एक पशु को तेल पिलाना और उनकी तेल से मालिश करना है. वैसे तो ये काम कोई बहुत ज्यादा बड़ा नहीं है लेकिन इसके फायदे कई हैं. आइए इस बारे में इस आर्टिकल में जानते हैं
सरसों के तेल के कई हैं फायदे
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशुओं को तेल की मालिश या तेल पिलाने से उनकी सेहत बेहतर होती है. इससे उनकी पाचन क्रिया सही रहती है. ऊर्जा का स्तर बना रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. अगर आप पशुपालक हैं तो इन तीन बिंदु को पढ़कर जान ही गए होंगे कि इसका पशुपालन में कितना अहम रोल है. अगर पशु की सेहत अच्छी है तो उसका उत्पादन बेहतर रहता है. पाचन क्रिया अच्छी है तो भी उत्पादन अच्छा मिलता है. वहीं ऊर्जा का स्तर बेहतर होने से भी दूध प्रोडक्शन बेहतर होता है. वहीं अगर पशुओं की सेहत अच्छी रहती है तो उन्हें बीमारियां नहीं लगती हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक सरसों के तेल में नमक मिलाकर मालिश करने से शरीर के किसी हिस्से में अगर दर्द है तो वह भी कम हो जाता है. सरसों के तेल और आटे की दवा बनाकर गाय को खिलाने से उनके दूध की मात्रा बढ़ जाती है.
कितना देना चाहिए सरसों का तेल
अगर पशुओं को सरसों का तेल पिलाया जाए तो उन्हें पेट संबंधित कोई भी दिक्कत नहीं होती है. उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है. अगर पशु कमजोर है तो उसे सरसों का तेल पिलाया जाए और उसकी मालिश की जाए तो जल्दी ही वह तंदुरुस्त होने लगता है. एक्सपर्ट का कहना है कि सरसों के तेल में वसा भरपूर मात्रा में होती है. जिससे पशुओं को ऊर्जा मिलती है और वह फुर्तीले बनते हैं. पशुओं को एक बार में 100 से 200 एमएल तक ही तेल देना चाहिए. इससे ज्यादा तेल देना ठीक नहीं होता. हां अगर पेट में गैस बन गई है तो इस स्थिति में 400 से 500 एमएल सरसों का तेल पीने के लिए दिया जा सकता है.












