नई दिल्ली. पशुओं की देखरेख हर अवस्था में की जाती है. यहां ये भी ध्यान देना होता है कि कब किस तरह और कैसे देखभाल की जाए. मसलन, जब गाय या भैंस बच्चा देने वाली है तो उस वक्त क्या-क्या किया जाना चाहिए. वहीं इसके बाद किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, इस बात की जानकारी भी पशुपालकों को होनी चाहिए. अगर पशुपालकों को इन बातों की जानकारी नहीं होगी तो फिर पशुओं की सेहत पर इसका असर पड़ेगा. सेहत पर असर पड़ते ही दूध उत्पादन पर भी इसका असर पड़ेगा.
जब ऐसा होगा तो इसका नुकसान पशुपालकों को होगा. क्योंकि पशुपालक दूध बेचकर ही पशुओं से सबसे ज्यादा कमाई करते हैं. पशु दूध अच्छी गुणवत्ता और मात्रा में दूध देते हैं तो पशुपालकों की चांदी हो जाती है. वहीं कमी होती है तो दिक्कतें शुरू हो जाती हैं. उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. इस खबर में हम आपको ये बता रहे हैं कि जब पशु बच्चा दे रहा हो और दे चुका हो तो क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए. अगर ये सावधानियां नहीं बरती जाएं तो फिर मुश्किल हो सकती है. आइए नीचे 9 प्वाइंट में इन्हीं बातों को जानते हैं.
- पशुपालक भाई इस बात का ध्यान दें कि इस अवस्था में पशु को पीने के लिए थोड़ा गुनगुना व स्वच्छ जल दें.
- पशु को पाचक शक्ति वर्धक आहार जैसे गुड़ को चोकर के साथ मिलाकर गर्म करके दें. इससे पशुओं को फायदा होगा.
- पशु को प्रतिकूल वातावरण या गर्म एवं ठण्डी हवाओं से बचायें. नहीं तो इसका असर उनकी सेहत पर पड़ेगा.
- जेर डालने के पश्चात उसे दूर दबा दें और कभी भी पशु को खाने न दें, नहीं तो इसका नुकसान पशुओं को होगा.
- पशु के शरीर को गुनगुने पानी से साफ कर दें.
- ब्याने के पश्चात पशु का जब दुध दोहन शुरु करें तो ग्वाले को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि थनों में सूजन न हो प्रवाह में सभी रुकावटें दूर हो दूध सामान्य रुप से प्राप्त हो यदि थन में सूजन है तो पशु का धीरे-धीरे दिन में 3 बार दोन करें जब तक सूजन रहें.
- नवजात के पेटभर कर खीस या दूध पिलायें.
- पशु के आहार में पाचक, पौष्टिक व संतुलित आहार का समावेश हो जिसमें गेहू का चोकर-जई, खली के साथ-साथ खनिज लवण भी हो ब्याने के कुछ दिन तक गुड़ का शरीर के साथ चोकर दें.
- चारे में रसीले, हरे, पाचक और द्विदालीप चारे के साथ भूसा ऊचित रहता है.
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